जशपुर. इन दिनों असली-नकली जूदेव का मामला सोशल मीडिया में जमकर वायरल हो रहा है. स्वर्गीय दिलीप सिंह जूदेव का नाम तो जशपुर क्षेत्र के लोगों में अब भी बड़े अदब से लिया जाता है. जूदेव परिवार का रियासत तो ख़त्म हो गया मगर सियासत जारी है. इन दिनों सोशल मीडिया में सक्रिय लोग बड़े कन्फ्यूज हैं कि असली जूदेव कौन हैं..? और नकली जूदेव कौन…? हाँ! लोगोंकी ये कन्फ्यूजन तो फ़िलहाल हम भी दूर नहीं कर सकते.

मगर ये असली-नकली का जिन्न राजघराने से बाहर निकलकर तमाशा कैसे करने लगा है, आखिर ये ‘जूदेव का जिन्न’ बाहर निकालने किसने चिराग घिसा है, ये हम आपको जरुर बता सकते हैं. हाँ, एक बात और इस पर हम दावा भी नहीं कर सकते, क्योंकि ये जूदेव का जिन्न सोशल मीडिया के जरिये ही राजघराने से बाहर निकला और और सोशल मीडिया के जरिये से ही हमें ये जानकारी हाथ लगी है कि आखिर चिराग किसने घिसकर बाहर निकाला है.

दरअसल  परमहंस अग्रज (जो कि जूदेव राजपरिवार के बेहद करीबी माने जाते हैं) ने अपने मोबाइल से व्हाट्सएप ग्रुप में एक सूचना प्रसारित कर दी. ये व्हाट्सएप मैसेज व्हाट्सएप के जरिये ही मीडियाकर्मियों तक पहुँच गई. फिर वही हुआ, जो हमेशा होता आया है. राजघराने का दबा मामला फिर से सुर्ख़ियों में आ गया. अब आप वो मैसेज भी हुबहू पढ़ लीजिये जो परमहंस अग्रज ने लोगों के भ्रम दूर करने इसे प्रसारित किया था.

आवश्यक सूचना
पिछले 5-6 सालों से जब से स्व कुमार दिलीप सिंह जुदेव का देहांत हुआ तो कुछ दूर के रिश्ते दार स्वयं को जुदेव जी का पुत्र बन कर पूरे प्रदेश में घुम रहे हैं और अपने आप को श्री जुदेव का उत्तारधिकारी बनने में लगे हुये हैं,हद तो तब हो गयी जब हमारे दल ने भी गलती से एक सिंह देव को जुदेव समझ के राज्य सभा का सांसद बना दिया और अब पछता रही है ठीक वैसे उनके छोटे भाई भी अपने को जुदेव बता कर अपनी राजनीती चमकाने में लगे हैं।


स्व श्री दिलीप सिंह जूदेव के तीन ही पुत्र हैं
स्व श्री शत्रूंजय प्रताप सिंह जूदेव,श्री प्रबल प्रताप सिंह जूदेव जो वर्तामान में जुदेव जी के घर वापसी अभियान के प्रमुख हैं और तीसरे श्री युद्धवीर सिंह जुदेव हैं जो लगातार दूसरी बार चन्द्रपुर के विधायक हैं और छग ब्रेवरेज कार्पोरेशन के अध्यक्ष व काबिनेट मंत्री दर्जा प्राप्त हैं और इसके अलावा सब फर्जी लोग जुदेव का नाम इस्तेमाल कर रहें हैं……..