रायपुर। राज्य के स्वास्थ्य विभाग का भारी भरकम बजट होने के बावजूद मरीजों की क्या स्थिति है उसका पता सूबे के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल अंबेडकर अस्पताल में पता चलता है. यहां आए दिन मरीजों के साथ दुर्व्यवहार सहित इलाज में लापरवाहियां का मामला सामने आते ही रहे हैं.

ताजा मामले में ऐसी ही लचर व्यवस्था का शिकार हुए एक मरीज को इसकी कीमत अपनी जान देकर चुकाना पड़ा. दरअसल कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से जूझ जांजगीर-चांपा निवासी रामतिहोर इलाज के लिए अस्पताल पहुंचे थे.

दिनभर इलाज के लिए भारी मश्क्कत के बाद उन्होंने अपना उपचार कराया. लेकिन उन्हें वार्ड में रुकने के लिए जगह नहीं मिल पाई. लिहाजा वे अस्पताल परिसर के अंदर स्थित बॉयज हास्टल के पास बने गार्डन में लेट गए.

जहां रात को तकरीबन साढ़े 8 बजे के आस-पास एक तेज रफ्तार कार वहां पहुंची और उन्हें रौंदते हुए निकल गई. यह पूरा मामला 30 अप्रैल का है लेकिन पुलिस को मामला दर्ज करने में लगभग 1 माह का समय लग गया. बताया जा रहा है कि गाड़ी अस्पताल का ही कोई डाक्टर चला रहा था. इस वजह से अस्पताल प्रबंधन मामले को दबाने का भरसक प्रयत्न किया. आखिरकार राजधानी की चुस्त पुलिस ने 1 महीने बाद इस मामले में अज्ञात कार चालक के खिलाफ अपराध दर्ज कर लिया है.