रायपुर-मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह को आज रात सीएम हाउस में मुख्य सचिव अजय सिंह की अध्यक्षता वाली समिति ने पंचायत और नगरीय निकाय संवर्गों के शिक्षकों की विभिन्न मांगों के संबंध में अपनी रिपोर्ट सौंपी. उल्लेखनीय है कि इस समिति का गठन शिक्षाकर्मियों की हड़ताल के बाद किया गया था,जिसे तीन महीने के भीतर इन शिक्षकों के वेतन भत्तों, पदोन्नति, अनुकम्पा नियुक्ति और स्थानांतरण नीति से संबंधित मांगों पर विचार करने के लिए कहा गया था.लेकिन इस समिति ने तीन महीने के बजाय करीब 6 महीने में अपनी रिपोर्ट तैयार कर मुख्यमंत्री को सौंपी है. समिति से जुड़े एक सूत्र ने बताया कि इसमें शिक्षाकर्मियों के संविलियन सहित दूसरी मांगों पर विस्तृत विचार करने के बाद सभी मांगों के संबंध में निराकरण का उपाय सुझाया गया है.उन्होनें यह भी बताया कि संविलियन करने का फार्मूला भी सरकार को सुझाया गया है,अब यह मुख्यमंत्री पर निर्भर है कि वे इन सुझावों को किस तरीके और कब अमल में ला पातें हैं.
राज्य शासन की ओर से जारी विज्ञप्ति में बताया गया है कि समिति ने समय-समय पर बैठकों का आयोजन किया और उन बैठकों में पंचायत एवं नगरीय निकाय संवर्ग के शिक्षक संगठनों के पदाधिकारियों से सुझाव भी प्राप्त किए. उनके सुझावों पर गहन विचार-विमर्श के बाद समिति द्वारा अपनी विस्तृत रिपोर्ट तैयार की गई, जो आज मुख्यमंत्री को सौंपी गई. राज्य शासन द्वारा गठित आठ सदस्यों वाली इस समिति में पंचायत और ग्रामीण विकास विभाग के अपर मुख्य सचिव आर.पी. मंडल, वित्त विभाग के प्रमुख सचिव अमिताभ जैन, सामान्य प्रशासन विभाग की प्रमुख सचिव ऋचा शर्मा, नगरीय प्रशासन और विकास विभाग के प्रमुख सचिव डॉ. रोहित यादव, स्कूल शिक्षा विभाग के सचिव गौरव द्विवेदी, आदिम जाति विकास विभाग की विशेष सचिव रीना बाबा साहब कंगाले और पंचायत संचालनालय के संचालक तारण प्रकाश सिन्हा शामिल थे.
हाईपॉवर कमेटी द्वारा रिपोर्ट सौंपे जाने पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए शिक्षाकर्मी संघ के प्रांतीय संचालकों ने कहा कि सरकार द्वारा निर्धारित समय सीमा में भले ही रिपोर्ट प्रस्तुत नहीं की गई हो,लेकिन देर आयद दुरुस्त आयद की कहावत को चरितार्थ करते हुए सरकार को जल्द संविलियन सहित सभी मांगों को पूरा करने का ऐलान करना चाहिये.