रायपुर। गोंड समाज जैसे आदिवासी समुदायों द्वारा संस्कृति और धर्म की रक्षा के लिए किए गए दृढ़ संकल्प की वजह से ही आज हमारी संस्कृति अक्षुण्ण बनी हुई है. इसका इतिहास भी गवाह है. गोंडवाना भवन में आयोजित भोजली महोत्सव में शामिल हुए मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह ने यह बातें कही. उन्होंने कहा कि भारत की आदि संस्कृति की संरक्षक इन मेहनतकश लोगों का समाज अब विकास की राह पर तेजी से बढ़ रहा है.
कार्यक्रम के दौरान मंच से उठी मांगों को मानते हुए मुख्यमंत्री ने नया रायपुर में 5 एकड़ जमीन देने की घोषणा की साथ ही हर साल भोजली उत्सव के लिए 5 लाख रुपए बजट में प्रावधान लाने की बात कही है. उन्होंने कहा कि कैबिनेट के माध्यम से स्थाई प्रावधान किया जाएगा ताकि हर साल भोजली उत्सव ट्राइबल विभाग के माध्यम से किया जा सके.
वहीं उन्होंने आदिवासी समाज की ओर से उठी उस मांग पर कानून बनाए जाने पर विचार करने की बात भी कही है जिसमें समाज के द्वारा मांग की गई है कि अन्य समाज के लोगों द्वारा आदिवासियों से शादी करके उनके नाम से जमीन हासिल कर ली जाती है ऐसे में उन्हें आदिवासी की कटैगरी से हटा दिया जाए या उनकी मौत के बाद उनकी जमीन को वापस आदिवासी समाज को सौंप दिया जाए.  गोंडी धर्म संस्कृति संरक्षण समिति द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में वन मंत्री महेश गागड़ा सहित अनेक प्रबुद्घजन और गोंड समाज के वरिष्ठ लोग अन्य प्रान्त से भी उपस्थित थे.