रायपुर। राजधानी में लगातार चल रहे तोड़-फोड़ की कार्रवाई को लेकर बुधवार को कांग्रेस पार्षदों नगर निगम आयुक्त के कार्यलय में 6 घण्टे तक धरना दिया. जब तक आयुक्त पार्षदों से आकर नहीं मिले कांग्रेसी पार्षद कार्यलय के भीतर धरना देते बैंठे रहे. शहर कांग्रेस अध्यक्ष विकास उपाध्याय के नेतृत्व में नाराज पार्षदों ने निगम प्रशासन के खिलाफ जमकर गुस्सा जाहिर किया.
कांग्रेस पार्षदों का आरोप है, कि वर्षो से सड़क किनारे गुमटी ठेला-खोमचा लगा कर व्यवसाय कर रहे गरीबों को यातायात में बाधा उत्पन्न करने का आरोप लगाकर हटाने जिला प्रशासन ने तोड़फोड़ अभियान चलाया. तोड़फोड़ अभियान के विरोध में बुधवार को सुबह 12:00 बजे कांग्रेस अध्यक्ष विकास उपाध्याय के साथ पार्षद निगम आयुक्त से मिलने पहुंचे. लेकिन कार्यालय में सूचना के बाद भी निगम आयुक्त मौजूद नहीं थे. कार्यालय में आयुक्त उपस्थित नहीं होने से नाराज पार्षदों ने विकास उपाध्याय के साथ आयुक्त के कक्ष में धरना दिया 6 घंटा धरना के बाद निगम आयुक्त रजत बंसल अपने कार्यालय में पहुंच कर धरना दे रहे पार्षदों से चर्चा किया इस दौरान पार्षदों ने नगर निगम और जिला प्रशासन के द्वारा शहर के भीतर गरीबों के दुकान और मकान को तोड़ा जाने पर कड़ी आपत्ति जताई.
पार्षदों ने कहा, कि नगर निगम सीमा के भीतर कई ऐसे भवन हैं जो नियम विपरीत बने हुए हैं जिस पर खुद निगमायुक्त कार्यवाही करने का नोटिफिकेशन कर चुके हैं. लेकिन उन पर भी कार्यवाही नहीं करते हैं बल्कि सड़क के किनारे दुकान लगा कर अपने परिवार का लालन-पालन कर रहे लोगों के ऊपर कार्यवाही कर यातायात बाधा मुक्त करने का खानापूर्ति करते है पार्षदों ने कहा, कि जो भूमाफिया अवैध प्लाटिंग सरकारी जमीनों पर कब्जा कर रहे हैं उनको निगम के द्वारा पुरस्कृत किया जाता है.
पार्षदों ने निगम आयुक्त को उन अधिकरियो के बारे में भी शिकायत दर्ज कराया जो निगम के बड़े पद पर बैठे हैं और जिनके ऊपर उस क्षेत्र में हो रहे अवैध कब्जे को रोकने की जिम्मेदारी है और वे अवैध कब्जा को रोकने के बजाये अवैध कब्जा धारी से वसूली करते हैं और जब अवैध कब्जा धारी का कारोबार जम जाता है. तब निगम के अधिकारी उस कारोबारी के कारोबार को तोड़ने पहुंच जाते हैं. निगम आयुक्त ने कांग्रेसी पार्षदों का आश्वासन दिया के आगे जब भी अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई होगी तो पहले चर्चा की जाएगी. चर्चा से समस्याओं का समाधान किया जाएगा.