रायपुर। अपने कार्यकलापों को लेकर अक्सर विवादों में रहने वाले आरटीओ विभाग में फिर एक फर्जीवाड़ा सामने आया है. आरटीओ कर्मचारियों और अधिकारियों ने निजी ट्रेव्हल्स के संचालकों के साथ मिली भगत कर शासन को लाखों रुपए का चूना लगाया है. फिलहाल अभी एक मामले का ही खुलासा हुआ है लेकिन जांच में और भी बड़े फर्जीवाड़ा सामने आने का अंदेशा है. लेकिन फर्जीवाड़ा का खुलासा होने के बावजूद ट्रेव्हल्स संचालक के खिलाफ कार्रवाई करने में विभाग के आला अधिकारियों के हाथ-पांव फूल रहे हैं. हालांकि इस मामले में विभाग द्वारा खानापूर्ति करते हुए आदेश तो जारी कर दिया गया है लेकिन इस पर अभी तक किसी भी तरह का कोई अमल नहीं किया गया.

मामला राजधानी के ग्राम फुंडहर सिटी साऊथ जोन-1 में स्थित शिवम ट्रेव्हल्स का है, ट्रेव्हल्स के संचालक वी.के. दुबे द्वारा आरटीओ में पदस्थ कैशियर और बाबूओं के साथ मिलीभगत कर कूटरचित दस्तावेजों के आधार पर बिना टैक्स एवं किसी तरह की फीस पटाये हुए वाहन साफ्टवेयर में फीस की इन्ट्री कर दी गई. ट्रेवल्स संचालक द्वारा 10 वाहनों का रायपुर आरटीओ कार्यालय में पंजीयन कराया गया और उनका फैंसी नंबर भी लिया गया लेकिन गाड़ियों का न तो लाइफ टाइम रोड टैक्स पटाया गया न ही पंजीयन शुल्क और जो फैंसी नंबर लिया गया उसके भी पैसे जमा नहीं किया गया. 3 ऐसी गाड़ियों का पता चला है जो बगैर पंजीयन के सड़क पर धड़ल्ले से दौड़ाई जा रही है. आपको बता दें कि इन 10 गाड़ियों का पंजीयन फीस, लाइफ टाइम टैक्स और फैंसी नंबर का 5 लाख रुपए से ज्यादा की रकम होती है लेकिन हेराफेरी करते हुए महज साढ़े सात हजार रुपए ही जमा किया गया.

आरटीओ पुलक भट्टाचार्य द्वारा पदभार संभालने के बाद जब उन्होंने विभाग में चल रहे गड़बड़ियों को खंगालना शुरू किया तब मामले का खुलासा हुआ और उन्होंने जांच के आदेश दे दिए। आनन-फानन में मामले की जांच की गई और साफ्टवेयर में फर्जी इंट्री किए जाने के पुख्ता सबूत भी अधिकारियों को प्राप्त हुए. जांच में कैशियर एस.एन टेलर, होलसिंह पालेश्वर और यूके मिश्रा का नाम सामने आया जिन्होंने अपने-अपने यूजर आईडी और पासवर्ड का उपयोग करते हुए रिसीप्ट जनरेट की. जिसमें मोटरयान कर एवं ई-शुल्क के लिए ई-चालान के माध्यम से पैसा जमा होना दर्शाया गया लेकिन ये पैसे कोषालय में जमा नहीं किया गया.

मामले में ट्रेव्हल्स संचालक वी.के. दुबे को दोषी माना गया और उसे 7 दिनों के भीतर ब्याज सहित राशि जमा करने का निर्देश जारी किया गया. ट्रेव्हल्स संचालक वी.के. दुबे को चेतावनी के साथ 23.08.2016 और 23.02.2017 को दो-दो बार नोटिस जारी की गई. जिसमें पैसा नहीं पटाने पर पुलिस में एफआईआर कराए जाने की चेतावनी दी गई.

आरटीओ ने इस मामले में उड़नदस्ता प्रभारी को सभी गाड़ियों को जब्त करने के निर्देश दिया गया लेकिन ट्रेव्हल्स संचालक के रसूख के आगे घुटना टेकते हुए कोई कार्रवाई नहीं की गई.

वहीं इस मामले में आरटीओ पुलक भट्टाचार्य का कहना है कि ट्रेव्हल्स संचालक को नोटिस भेज दी गई है और कार्रवाई करते हुए टैक्स की राशि वसूल की जाएगी.