Israel New Map: गाजा में हमास और लेबनान में हिजबुल्लाह से युद्ध के बीच इजराइल ने अपना नया मैप जारी किया है। इसे ग्रेटर इजरायल (Greater Israel) नाम दिया है। ग्रेटर इजरायल में फिलिस्तीनी क्षेत्रों और अरब भूमि को इजरायल का हिस्सा बताया गया है। इसेक बाद बवाल मच गया है। खाड़ी के कई मुस्लिम देश इजरायल के इस नये नक्शे को लेकर भड़क गए हैं। सऊदी अरब (Saudi Arabia), यूएई (United Arab Emirates), कतर और जॉर्डन समेत अन्य मुस्लिम देश (Muslim countries) ने इस मैप की कड़ी आलोचना की है।
इजरायल के विदेश मंत्रालय ने हाल ही में अपने अरबी भाषा के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर एक मैप साझा किया है, जिसमें बाइबिल में शामिल प्राचीन यहूदी राज्य की सीमाओं को दिखाया गया है। मंत्रालय ने अरबी भाषा के ट्विटर और इंस्टाग्राम अकाउंट पर एक पोस्ट साझा की, जिसमें लिखा था, “क्या आप जानते हैं कि इजरायल का साम्राज्य 3000 साल पहले स्थापित हुआ था?” इस मानचित्र ने इजरायल के प्राचीन साम्राज्य के दावे को पुनर्जीवित करने की कोशिश की है।
इजरायल के नए मानचित्र पर मचा बवाल
इस पोस्ट ने फिलिस्तीनियों और अरब देशों में आक्रोश पैदा कर दिया, जिन्होंने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से इजरायल की विस्तारवादी महत्वाकांक्षाओं पर लगाम लगाने और उसे और अधिक फिलिस्तीनी और अरब क्षेत्र पर कब्जा करने के प्रयास से रोकने का आह्वान किया। जॉर्डन, संयुक्त अरब अमीरात और कतर ने इजरायल के नए नक्शे को विस्तारवाद के साथ जोड़ा और इसकी निंदा की। वहीं, फिलिस्तीनी प्रशासन और हमास ने भी इजरायल के नक्शे पर नाराजगी जताई। अरब देशों का मानना है कि यह इजरायल की विस्तारवादी योजनाओं का संकेत है।
यूएई ने भी तीखी प्रतिक्रिया दी
संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) ने इजरायल सरकार से संबद्ध आधिकारिक सोशल मीडिया अकाउंट पर कथित “ऐतिहासिक इजरायल” मानचित्र के प्रकाशन की कड़े शब्दों में निंदा की है, जिसमें कब्जे वाले फिलिस्तीनी क्षेत्र, जॉर्डन, लेबनान और सीरिया के कुछ हिस्से शामिल हैं। यूएई ने इसे कब्जे का विस्तार करने का एक जानबूझकर किया गया प्रयास और अंतरराष्ट्रीय कानून का घोर उल्लंघन माना है। एक बयान में, विदेश मंत्रालय ने कहा कि संयुक्त अरब अमीरात कब्जे वाले फिलिस्तीनी क्षेत्र की कानूनी स्थिति को बदलने के उद्देश्य से सभी उत्तेजक प्रथाओं और अंतर्राष्ट्रीय वैधता पर प्रस्तावों के उल्लंघन में सभी उपायों को स्पष्ट रूप से अस्वीकार करता है, जो आगे बढ़ने और तनाव की धमकी देते हैं, और क्षेत्र में शांति और स्थिरता प्राप्त करने के प्रयासों को बाधित करते हैं।
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कतर ने नए मानचित्र की निंदा की
क़तर के विदेश मंत्रालय ने कहा कि “ऐतिहासिक इजरायल का प्रतिनिधित्व करने का दावा करने वाला” मानचित्र अंतर्राष्ट्रीय मानदंडों का “घोर उल्लंघन” है। उसने चेतावनी देते हुए कि इजरायल की स्पष्ट आकांक्षाएं क्षेत्र में शांति की संभावनाओं को और बाधित कर सकती हैं। कतर ने अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से “इजरायली कब्जे पर अंतर्राष्ट्रीय वैधता प्रस्तावों का अनुपालन करने और अरब भूमि में अपनी विस्तारवादी महत्वाकांक्षाओं का सामना करने के लिए दबाव डालकर अपनी कानूनी और नैतिक जिम्मेदारियों को पूरा करने” का आह्वान किया।
जॉर्डन का विरोध
जॉर्डन के विदेश मंत्रालय ने इस पोस्ट की निंदा करते हुए इसे फिलिस्तीनी राज्य की स्थापना को रोकने के लिए एक प्रचार अभियान बताया। प्रवक्ता ने कहा कि इस प्रकार के मैप क्षेत्रीय शांति के प्रयासों को कमजोर कर सकते हैं।
जानिए क्या है ग्रेटर इजरायल प्लान?
ग्रेटर इजरायल की अवधारणा यहूदी धर्म और जायोनिस्ट आंदोलन में एक महत्वपूर्ण विचार रही है। इस योजना में एक ऐसे यहूदी राज्य की कल्पना की गई है, जिसकी सीमाएं मिस्र की नील नदी से यूफ्रेट्स नदी तक और मदीना से लेबनान तक फैली हों।
इन क्षेत्रों को इजरायल की सीमा में दिखाया
समाप्त इलाकों की सीमा: इस योजना में मिस्र, लेबनान, इराक, सऊदी अरब, और फिलिस्तीन के साथ ही पूरा जॉर्डन शामिल है।
प्राचीन यहूदी राज्य: ग्रेटर इजरायल की परिकल्पना प्राचीन यहूदी राज्य की सीमाओं के आधार पर की गई है, जिसमें माउंट सिनाई और अन्य यहूदी पवित्र स्थल शामिल हैं।
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