शैलेंद्र पाठक, बिलासपुर- छत्तीसगढ़ के मजदूरों को दूसरे प्रदेशों में बंधक बनाए जाने की खबर आए दिन सामने आती रहती है. इन बंधक मजदूरों को अक्सर पुलिस की मदद से छुड़ाया जाता है. लेकिन इस बार मजदूरों को पुलिस ने नहीं, बल्कि इनके लिए काम करने वाली संस्था इंटक ने छुड़ाया है. उन्हें किसी माध्यम से जानकारी हुई कि मस्तूरी के 140 मजदूर रांची के ईंट भट्ठे में बंधक बनाए गए हैं.
इसके बाद इंटक की एक टीम रांची रवाना हुई और वहां से 22 मजदूरों को छुड़ाकर लाने में कामयाबी मिली. इसकी सूचना नजदीकी थाना प्रभारी को दी गई. साथ ही बाकी मजदूरों को बंधक मुक्त कराने का निवेदन आईजी से किया गया है. वहीं इंटक अध्यक्ष सौरभ दुबे ने बताया कि जल्द ही इंटक 16 सदस्यी टीम बाकी मजदूरों को छुड़ाने के लिए जाएगी.
ईंट भट्ठा मालिकों के चंगुल से छुटकर आए फागुराम राम जांगड़े ने बताया कि इंटक की टीम को रांची पुलिस ने सहयोग नहीं किया, जिसके कारण हम लोगों को छुड़ाने में देरी हुई. वहां पर हम मजदूरों की हालत बहुत खराब थी. भूख और चोट की वजह से मजदूरी मजबूरी में कर रहे थे. लहर बाई ने बताया कि ईंट भट्ठे में चौकीदार परेशान करते थे. पेट भर खाना नहीं देते थे. चौकीदार कहीं जाने तक की आजादी नहीं देते थे वहां पर इस प्रताड़ना से घुटन महसूस हो रही थी.