नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश में शिक्षण कार्य कर रहे 1 लाख 75 हजार  शिक्षा मित्रों की नौकरी खतरे में है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि नई भर्ती होने तक मौजूदा शैक्षणिक सत्र तक शिक्षामित्रों को कार्य करने दिया जाएगा और जैसे ही नई भर्ती प्रक्रिया संपन्न होगी उन्हें उससे बदल दिया जाएगा. 

पीठ ने सरकार से 6 महीने के भीतर नई भर्ती करने और भर्ती प्रक्रिया दिसंबर तक पूरा करने को कहा है.  कोर्ट ने कहा है कि ऑनलाइन आवदेन सिस्टम से अगले वर्ष मार्च तक नियुक्तियां कीजिए. तब तक शिक्षामित्रोंसे शिक्षण कार्य लेने के निर्देश कोर्ट ने दिए हैं.  कोर्ट ने नई भर्ती प्रक्रिया में शिक्षामित्रों को आयु में छूट दी है. उनके लिए उम्रसीमा का बंधन नहीं होगा, क्योंकि वह पहले से पढ़ा रहे हैं. 

उत्तर प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में शिक्षा मित्रों को सहायक शिक्षक बनाए जाने का बचाव किया. सरकार ने कहा कि दूर-दराज के इलाकों में  रह रहे बच्चों को शिक्षित करने के उद्देश्य से शिक्षा मित्रों को सहायक शिक्षक के तौर पर नियुक्त किया गया है. 

कोर्ट ने कहा कि शिक्षामित्रों की नियुक्तियां असंवैधानिक हैं. सरकार ने बाजार में मौजूद प्रतिभा को मौका नहीं दिया और उन्हें कॉन्ट्रैक्ट पर भर्ती करने के बाद उनसे कहा कि आप अनिवार्य शिक्षा हासिल कर लो.

गौरतलब है कि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सितंबर 2015 शिक्षामित्रों की नियुक्तियों को अवैध ठहरा दिया था जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने दिसंबर में इस आदेश को स्टे कर दिया था.

यूपी सरकार ने करीब 1 लाख 35 हजार शिक्षा मित्रों को सहायक शिक्षकों के तौर पर समायोजन किया है, जबकि करीब 35 हजार सहायक शिक्षकों की नियुक्ति अभी होनी है, लेकिन फिलहाल वह रुकी हुई है.