“अंग्रेजी स्वीकार्य तो फिर अन्य भारतीय भाषा क्यों नहीं ?”, शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने NEP की भाषा नीति पर कहा- इसका उद्देश्य भारतीय भाषाओं को बढ़ावा देना, न कि थोपना’