रायपुर। आवास एवं पर्यावरण मंत्री मो. अकबर फुल एक्शन में है. मामला चाहे आवास संबंधी हो या फिर पर्यावरण को लेकर. अगर कहीं गड़बड़ी हो रही या लापरवाही बरती गई है तो फिर सीधी कार्रवाई हो रही है. यही वजह है कि पर्यावरण संरक्षण मंडल की जिम्मेदारी संभालते अकबर ने छत्तीसगढ़ में प्रदूषण संबंधी रिपोर्ट मंगाई. पता चला की राजनांदगांव का एबीस उद्योग ग्रुप पर्यावरण संरक्षण मंडल की वैध सहमति हासिल किए बिना ही अपनी फैक्ट्रियां चला रहा है. इस मामले की शिकायत पूर्व सरकार में हुई थी लेकिन कार्रवाई नहीं हो सकी थी.

ऐसे में तत्काल पर्यावरण संरक्षण मंडल की ओर से विधुत कंपनी को कहा गया कि उद्योगों की बिजली काट दी जाए. और जैसे ही पर्यावरण मंत्री ने रिपोर्ट मंगाई कार्रवाई की खबर भी आ गई. विधुत कंपनी ने पर्यावरण संरक्षण मंडल को जानकारी दी है कि मेसर्स इंडियन एग्रो फूड इंड्रस्टीज लिमिटेड ग्राम ईदामास, इंडियन बोन मिल एंड फर्टिलाइजर ग्राम चवेली, इंडियन फीड एंड फर्टिलाइजर ग्राम चलेवी, एबीस बोन चाइना ग्राम डूमरडीहकला तथा एबीस सेरामिक्स एंड पोट्रीस ग्राम डूमरडीहकला की बिजली काट दी गई है. इन सभी के खिलाफ शिकायत ये थी कि इन्होंने पर्यावरण संरक्षण मंडल से वैधता सहमति नहीं ली थी.

वहीं पर्यावरण मंत्री ने प्रदेश में प्रदूषण की मात्रा की पूरी जानकारी अधिकारियों से बिंदुवार ली है. उन्होंने यह भी जाना है कि उद्योगों से फैलने वाले प्रदूषणों के नियंत्रण को लेकर क्या-क्या कदम अब तक उठाए गए हैं और क्या किए जा रहे हैं. उन्होंने अधिकारियों को सख्त चेतावनी दी है कि पिछली सरकार में जो भी होता रहा होगा लेकिन अब लापरवाही नहीं चलेगी. कहीं गड़बड़ी है तो सख्त कार्रवाई करना है, एफआईआर का भी प्रावधान है वह भी करना है. छत्तीसगढ़ को प्रदूषण मुक्त बनाने में पर्यावरण संरक्षण मंडल की महती जिम्मेदारी है. इसका ईमानदारी से पालन होना चाहिए.