नारायणपुर। शनिवार 13 अप्रैल का दिन देश -प्रदेश के लिए खास था, इस दिन सारा देश हर्षोल्लास के साथ रामनवमी मना रहा था लेकिन इस दिन को नक्सल प्रभावित जिला नारायणपुर के विकासखण्ड ओरछा (अबूझमाड़) के लिए खासतौर पर जाना जाएगा. शनिवार 13 अप्रैल रामनवमी के दिन ओरछा मुख्यालय में पहला मेडिकल स्टोर्स खोला गया. यह साहसिक काम माड़िया कुमारी कीरता दोरपा ने कर दिखाया है. दुर्गम क्षेत्र में पहली दवाई की दुकान खोलकर नई मिशाल पेश की है.
वैसे तो सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र ओरछा में मरीजों को सभी आवश्यक दवाई निःशुल्क मिल जाती है. लेकिन कई बार ऐसा भी था कि कई दवाईयों के लिए 70 किलोमीटर दूरी तय कर जिला मुख्यालय नारायणपुर आना-जाना पड़ता था. लेकिन अब ओरछा क्षेत्र के लोगों को इस दूरी से निजात मिलेगी. यह सुखद काम मड़िया जनजाति की कु. किरता ने कर दिखाया है. उन्होंने परिवार और मित्रों के आर्थिक सहायता और सहयोग से ओरछा में मावा नाम से मेडिकल स्टोर्स खोल कर इस दुर्गम क्षेत्र के अबूझमाड़ियों के लिए जीवनदायनी बनी है.
किरता ने बताया कि चारों ओर से घने जगलों-पहाड़ों से घिरे दुर्गम इलाके में मेडिकल दुकान खोलना और उसे चलाना चुनौती पूर्ण काम था. कलेक्टर पीएस एल्मा ने उनके इस पहल के लिए भूरी-भूरी प्रशंसा की है. उन्होंने जिला प्रशासन की ओर से हरसंभव सहयोग देने का भरोसा दिया है.
उल्लेखनीय है कि नक्सल से प्रभावित इस अबूझमाड़ के इलाकों में बसने वाले आदिवासी अभी भी अपनी महत्वपूर्ण जरूरतों एवं आवश्यकताओं से वंचित है. किरता ने बताया कि ओरछा की जनता, सरपंच और सचिव को इस कार्य के लिए हमेशा प्रोत्साहन देते रहे थे. सभी के प्रोत्साहन और आर्थिक मदद से यह कठिन काम संभव हुआ. उनकी दुकान में इलाके की भौगोलिक परिस्थितियों और जरूरत के हिसाब से सभी जरूरी दवाईयां उपलब्ध है, जिनकी कीमत करीब आधा लाख रूपए की है. अब लोग डाक्टर की पर्ची लेकर दवाईयां लेने आने लगे है. मरीजों और उनके परिजनों की नारायणपुर में दवाईयां लेने आने-जाने में होने वाले खर्च और समय की बचत होने लगी है.