रायपुर। कोरोना वायरस संक्रमण की वर्तमान वैश्विक स्थिति ने सम्पूर्ण विश्व में अनेक विषम परिस्थितियां निर्मित की हैं और इसी वजह से लोगों ने रक्तदान से भी मुंह मोड़ लिया है। कोरोना के कारण उत्पन्न काल्पनिक एवं अज्ञात भय से नियमित रक्तदाता और स्वैच्छिक रक्तदाता भी रक्तदान के लिए ब्लड बैंक नहीं आ पा रहे हैं। ऐसे में ब्लड बैंक में बहुत जरूरी मरीजों के लिये रक्त की उपलब्धता में समस्या आ रही है। थैलेसीमिया, सिकल सेल एनीमिया, हीमोफिलिया एवं कैंसर जैसे मरीजों को हर महिने, दो महिने में रक्त की आवश्यकता पड़ती है। ऐसी स्थिति में आम लोगों में इन भ्रांतियों को दूर करने और उन्हें प्रोत्साहित करने के लिये पं. जवाहर लाल नेहरू स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय, रायपुर के चिकित्सकों ने रक्तदान कर अनुकरणीय और प्रशंसनीय पहल की है जिससे सामान्य लोग रक्तदान के लिये प्रोत्साहित हो सकें। शनिवार को सुबह अम्बेडकर अस्पताल के ” स्टेट ऑफ द आर्ट माॅडल बैंक ” में 15 से भी अधिक डाॅक्टरों ने रक्तदान किया और आम लोगों से रक्तदान करने की अपील की। चिकित्सा महाविद्यालय के अधिष्ठाता डाॅ. विष्णु दत्त ने इस सराहनीय व नेक पहल पर सभी चिकित्सकों को शुभकामनाएं दी हैं।

रक्तदान के रोल माॅडल डाॅ. नेरल का 114वां रक्तदान

इस रक्तदान शिविर का नेतृत्व कर रहे पैथोलाॅजी व माइक्रोबायोलाॅजी विभाग के विभागाध्यक्ष डाॅ. अरविन्द नेरल का यह 114वां रक्तदान था वे पिछले 40 वर्षों से लगातार समय- समय पर रक्तदान करते रहे हैं और शिविर, व्याख्यान, आलेख व परामर्श के माध्यम से अन्य लोगों को रक्तदान के लिये प्रेरित करते रहे हैं। रक्तदान के महानायक डाॅ. नेरल ने कहा – हमारे शरीर में औसतन 1.2 से 1.5 लीटर रक्त, जरूरत के अतिरिक्त बेवजह प्रवाहित होता रहता है। उसमें से 350 मिली लीटर रक्तदान करने से शरीर में कोई फर्क नहीं पड़ता बल्कि असीम मानसिक संतुष्टि मिलती है कि हमारा रक्त कुछ मरीजों के बेहतर स्वास्थ्य के लिये काम आ रहा है। डाॅ. नेरल के साथ उनके 24 वर्षीय पुत्र अरिन्दम नेरल ने रक्तदान किया। ब्लड बैंक में रक्तदान करने आये अन्य लोगों ने रक्तदान में पिता-पुत्र की इस जुगलबन्दी की काफी सराहना की।

माॅडल बैंक में रक्तदान हेतु अतिरिक्त व्यवस्था

ब्लड बैंक प्रभारी डाॅ. विजय कापसे ने बताया कि कोरोना संक्रमण को देखते हुए माॅडल बैंक में रक्तदान की विशेष व्यवस्था की गई है। जो स्वस्थ्य हैं उनसे रक्तदान की अपील की जा रही है। वर्तमान समय में अस्पताल में इमर्जेंसी आॅपरेषन एवं डिलीवरी नियमित रूप से हो रही है अतः ऐसे मरीजों को रक्त की आवश्यकता पड़ने पर रक्त उपलब्ध कराया जा रहा है। लाॅक डाॅउन के कारण रक्तदाताओं को ब्लड बैंक तक पहुंचने एवं ब्लड की सुगम आपूर्ति के लिये योजनाबद्ध तरीके से व्यवस्था बनाई गई जिससे रक्तदाता बेहिचक रक्तदान कर सकें।

शासकीय एडवाइजरी का किया जा रहा पालन

डाॅ. कापसे ने बताया कि कोरोना संक्रमण के मद्देनजर रक्तदान के लिये शासकीय एडवाइजरी का पालन किया जा रहा है। निश्चित दूरी का पालन विशेष मानकों के अंतर्गत किया जा रहा है। इस हेतु विशेष सावधानी के अंतर्गत व्यक्तिगत सुरक्षा के नियम जैसे- हाथों की धुलाई, मास्क का प्रयोग एवं स्वच्छता का ध्यान रखा जा रहा है। रक्तदान करने वाले क्षेत्र की नियमित सफाई, डिसइन्फेक्टेंट का प्रयोग एवं क्लीनिंग की विशेष व्यवस्था की गई है। डोनर को रक्तदान के दौरान स्वस्थ्य वातावरण उपलब्ध कराया जा रहा है।

इन्होंने किया रक्तदान

रक्तदान करने वालों में डाॅ. अरविंद नेरल के अलावा डाॅ. शशिकांत सिंह, डाॅ. विश्रुत मिश्रा, डाॅ. अमित कुमार भारद्वाज, डाॅ. सुदामा राठौर, डाॅ. अविरल मिश्रा, अरिंदम नेरल, डाॅ. योगेश्वर स्वर्णकार, डाॅ. धौरज डनसेना, डाॅ. कौशल चक्रबर्ती, डाॅ. रीति शर्मा, डाॅ. पीयूष भार्गव, डाॅ. ज्ञानुका वर्मा एवं अन्य शामिल रहे। रक्तदान में ब्लड ट्रांसफ्युजन ऑफिसर डाॅ. महिमा मित्तल का विशेष सहयोग रहा।