रायपुर. कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने प्रदेश सरकार पर जमकर हमला बोला. कांग्रेस भवन में आयोजित पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए सुरजेवाला ने कहा कि 9 सालों से भाजपा सरकार की नाक के नीचे छत्तीसगढ़ में 161 से अधिक चिटफंड कंपनियों ने एक करोड़ जनता की खून पसीने की कमाई और जमापूंजी सब गबन कर ली. बीस लाख निवेशक परिवारों व एक लाख एजेंटों से 5 हजार करोड़ रु. से अधिक की ठगी हो गई और 57 लोगों की जानें चली गईं. 300 से अधिक एफआईआर दर्ज होने के बावजूद नौ साल में एक व्यक्ति को भी फूटी कौड़ी वापस नहीं मिली.
सुरजेवाला ने कहा कि प्रदेश के आला अधिकारी ‘रोजगार मेलों’ के माध्यम से इन चिटफंड कंपनियों द्वारा आयोजित कार्यक्रम में सीधे तौर से शामिल हुए. सरकार द्वारा बाकायदा इन कार्यक्रमों के निमंत्रण दिए गए. भोली भाली जनता को लगा कि भाजपाई सरकार इन चिटफंड कंपनियों की साझेदार है और जीवन की सारी कमाई इन घोटालों और गड़बड़झालों में लुटा दी. उन्होंने कहा कि साल 2009 से 2017 के बीच भाजपा सरकार ने छत्तीसगढ़ के हर जिले में चिटफंड कंपनियों के रोजगार मेलों का आयोजन किया. इनका निमंत्रण बाकायदा जिला रोजगार अधिकारियों द्वारा जारी किया गया. चिटफंड कंपनियों ने इन मेलों के माध्यम से मासूम युवाओं से छल किया व उनसे भोली भाली जनता से हजारों करोड़ रुपया डकार लिया.
प्रदेश के गृहमंत्री, रामसेवक पैंकरा ने सनशाईन/बीपीएन कंपनी के कार्यक्रमों में हिस्सा लिया. उन्होंने कहा कि पैंकरा पर आरोप है कि सनशाईन/बीपीएन कंपनी के लोगों से भाजपा के पार्टी फंड में राशि भी दिलवाई. इसी प्रकार से भाजपा के अन्य मंत्रियों ने चिटफंड कंपनी के कार्यक्रमों में खुलेआम हिस्सा लिया और कंपनियों ने जनता का हजारों करोड़ रुपया हड़प लिया. साल 2010 से 2016 के बीच चिटफंड कंपनियों द्वारा पैसे की इस खुली लूट की शिकायतें सरकार व अधिकारियों को मिलती रहीं. कुछ कंपनियों के कार्यालय सील भी हुए, लेकिन राजनैतिक संरक्षण के चलते इन सब कार्यालयों की सील दोबारा खोल उन्हें जनता से लूट की छूट दे दी गई. उन्होंने पत्र जारी कर कहा कि इससे साफ है कि ठगी के सबूतों के बावजूद, भाजपा सरकार कंपनियों की सील खोलकर इन्हें प्रत्यक्ष और परोक्ष रूप से लूट का लाईसेंस दे रही थी.
जनता का पैसा वापस दिलाएगी कांग्रेस
सुरजेवाला ने कहा कि छत्तीसगढ़ की अगली कांग्रेस सरकार चिटफंड कंपनियों के दोषियों पर के खिलाफ जांच कर इस पूरे घोटाले का पर्दाफाश करेगी. चिटफंड कंपनियों की संपत्ति की कुर्की की जाएगी व प्रदेश की 1 करोड़ जनता (21 लाख परिवार) की गाढ़ी कमाई का एक-एक पैसा वापस लौटाया जाएगा. चिटफंड कंपनियों के 1 लाख एजेंट, जो भी बेकसूर पाए जाएंगे, उन पर लगे आरोपों का भी पुर्नमूल्यांकन होगा, ताकि किसी निर्दोष को सजा न मिले. चिटफंड घोटाले के हर दोषी की जगह जेल की सलांखों के पीछे होगी.