रायपुर। छत्तीसगढ़ में कांग्रेस के भीतर नए सियासी समीकरण बनते नजर आ रहे हैं. पूर्व केन्द्रीय मंत्री चरण दास महंत, नेता प्रतिपक्ष टीएस सिंहदेव, रविन्द्र चौबे, रामदयाल उईके और शिव डहरिया दंतेश्वरी देवी के दर्शन के लिए हेलीकाप्टर से एक साथ दंतेवाड़ा रवाना हो गए हैं. पीसीसी चीफ भूपेश बघेल को छोड़कर सभी आला नेता एक साथ बस्तर के लिए रवाना हुए हैं.

पीसीसी के इन नेताओं के एक साथ रवाना होने के कई सियासी मायने निकाले जा रहे हैं. यह माना जा रहा है कि कांग्रेस में एक नया खेमा बन गया है और प्रदेश के सभी नेता एकजुट हो गए हैं. चूंकि झीरम हादसे में पीसीसी के तमाम बड़े नेताओं की मौत के बाद भूपेश बघेल को पीसीसी की कमान मिली. पीसीसी की कमान संभालने के बाद पिछले एक दो साल में पार्टी मजबूत होते नजर आ रही थी और काफी हद तक भूपेश पार्टी को एक जुट करने में कामयाब भी रहे.

सीडी कांड के बाद शुरुआत में भूपेश बघेल अलग-थलग नजर आ रहे थे लेकिन प्रदेश प्रभारी पीएल पुनिया और आलाकमान के निर्देश के बाद पार्टी एक जुट होकर भूपेश के साथ खड़ी नजर आ रही थी. लेकिन सीटों के बंटवारा को लेकर सामने आई स्टिंग आपरेशन ने एक बार फिर से प्रदेश के असंतुष्ट खेमों को मौका दे दिया. जिसके बाद इसकी शिकायत आलाकमान से की गई. लेकिन इस बार प्रदेश प्रभारी पीएल पुनिया भी भूपेश के साथ खड़े नजर नहीं आए. जिसका फायदा सभी असंतुष्ट नेताओं को मिल गया.

प्रदेश में जो अपवाहें चल रही है उसके मुताबिक पार्टी आलाकमान सामने आए स्टिंग ऑपरेशन से काफी खफा हैं. इस कांड के बाद पीसीसी के सभी नेताओं को दिल्ली तलब किया गया था. जहां बताया जा रहा है कि दिल्ली में सारे नेताओं ने स्टिंग ऑपरेशन और सीडी कांड को लेकर आलाकमान के सामने अपनी-अपनी बात रखी. गौरतलब हैं कि राहुल गांधी ने सारे नेताओं से एक साथ बात करने की बजाय एक-एक या दो-दो की टुकड़ी में सबसे बात की.

अब भूपेश को छोड़ सारे नेताओं का एक साथ बस्तर रवाना होना इस अफवाह को बल देता नजर आ रहा है कि पीसीसी को एक नया विकल्प देने की कवायद जारी है.