रमेश सिन्हा,पिथौरा(महासमुंद). बहुचर्चित किसनपुर हत्याकांड मामले में नया मोड़ सामने आया है. महासमुंद एसपी ने मामले का खुलासा करते हुए बताया कि जब मुख्य आरोपी धर्मेंद्र बरिहा का नार्को टेस्ट कराया गया, तो उसने वो राज उगले जो अभी तक बाहर नहीं आए थे. इस हत्याकांड में वो अकेला नहीं, बल्कि उसके अलावा गांव के सरपंच और उसके 3 दोस्तों ने मिलकर इस वारदात को अंजाम दिया था. इसकी वजह थी बलात्कार व चोरी की नियत. सभी ने एक साथ शराब पीकर स्वास्थ्य कर्मी की रेप करने औऱ चोरी करने के नियत से घर में घुस गए. बात बिगड़ी तो सभी आरोपियों ने मिलकर दो बच्चे और पति-पत्नी की निर्मम हत्या कर दी.
महासमुन्द पुलिस अधीक्षक संतोष कुमार सिंह, पिथौरा अनुविभागीय अधिकारी पुलिस कौशलेद्र पटेल, थाना प्रभारी पिथौरा दिपेश जायसवाल, क्राईम ब्रांच साइबर सेल प्रभारी परेश पांडे ने इस मामले का खुलासा किया है. पुलिस ने मुख्य आरोपी धर्मेन्द्र बरिहा, गाँव के सरंपच सुरेश खुटे, अखन्डल प्रधान, फुल सिंह यादव, गौरीशंकर कैवैर्त को गिरफ्तार किया है.
इस तरह दिए थे घटना को अंजाम
सभी आरोपी एक साथ बैठकर शराब पी रहे थे, और एक दूसरे की बाते शेयर कर रहे थे. तभी फुलसिंग यादव ने नर्स योगमाया के साथ अफेयर होने की बात बताई तब किसी को यकिन नहीं हुआ. लेकिन उसने योगमाया के साथ अपनी तस्वीर दिखाई तो सबको संबंध के बारे में याकीन हो गया. फोटो को देखने के बाद सरपंच सुरेश खुटे बोला की योगमाया के साथ मेरा भी संबंध जुड़वा दो तब सभी मिलकर योगमाया के निवास उप स्वास्थ्य केन्द्र में चले गए. घर में दीवार पार कर अंदर जाते ही उनकी मुलाकात नर्स की पति से हो गई. इसी बीच दोनों तू-तू मैं-मैे औऱ नोंक झोंक होने लगा तभी चेतन फुलसिंग को एक झाफट मारा और उसके बात वही पड़ा फावड़ा उठाकर मारा तब उसी फावड़ा को फुलसिंग ने छिनकर चेतन के सिर पर हमला कर दिया, जिससे उसकी मौत हो गई. ऐसे ही एक -एक कर सभी को मौत के घाट उतार दिया. उसके बाद धर्मेन्द्र बरिहा कमरें में रखे आलमारी खोला और उसमें रखे पैसा, सोना चांदी को निकाला और दीवार पर टंगे एलईडी टीवी औरमोबाईल फोन लिया. फिर गेट के बाहर से ताला बंद कर दिए और फरार हो गए.
बता दें कि 31 मई 2018 को किसनपुर में एएनएम योगमाया साहू उसके पति और 2 बच्चों की धारदार हथियार से हत्या कर दी गई थी. एक ही रात में परिवार के चार लोगों की हत्या ने इलाके में सनसनी मचा कर रख दी थी. लेकिन हत्या के दो दिन बाद एक आरोपी धर्मेंद्र बरिहा को गिऱफ्तार किया गया था. मृतकों के परिजन औऱ साहू समाज यह मानने को तैयार नहीं था कि इस घटना को आरोपी धर्मेंद्र ने अकेले अंजाम दिया है. इसके बाद आरोपी की नार्को के टेस्ट की मांग की गई थी, तब जाकर आगे यह खुलासा हुआ औऱ गांव के सरपंच समेत पांच लोगों की गिरफ्तारी की गई.