रायपुर। दुनिया की मशहूर कार निर्माता कंपनी के संस्थापक हेनरी फोर्ड के पोते और अमेरिकी निवासी अल्फ्रेड फोर्ड उर्फ अंबरीश दास छत्तीसगढ़ के दौरे पर हैं. अल्फ्रेड ने हिन्दू धर्म अपना लिया है और वे अब अंबरीश दास के नाम से जाने जाते हैं. अंबरीश कृष्ण भक्त हैं. शनिवार सुबह वे राजधानी के इस्कॉन मंदिर पहुंचे. जहां उन्होंने भगवान राधा-कृष्ण के दर्शन किये व उनकी पूजा अराधना की और नए बन रहे इस्कॉन टेंपल का निरीक्षण भी किया. इस दौरान उन्होंने इस्कॉन के सदस्यों से मुलाकात की और उनसे बातचीत की. अंबरीश फोर्ड मोटर कंपनी के बोर्ड मेंबर हैं. वर्तमान में वे इस्कॉन प्रोजेक्ट और वैदिक प्लेनेटेरियम के चेयरमैन भी हैं.
ऐसे बने अल्फ्रेड से अंबरीश दास
कृष्ण उपासक भक्तिवेदांत स्वामी प्रभुपाद (श्रील प्रभुपाद) से वे काफी प्रभावित थे, 1974 में अमेरीका के डलास में उनकी मुलाकात श्रील प्रभुपाद से हुई और उन्होंने उनसे गुरु दीक्षा ले ली. 1975 में वे वे इस्कॉन यानी कि इंटरनेशनल सोसायटी फॉर कृष्णा कॉन्शियसनेस में शामिल हुए और उन्होंने अपना नाम अल्फ्रेड फोर्ड से बदलकर अंबरीश दास कर लिया. वे इस्कॉन प्रोजेक्ट के चेयरमैन हैं. सबसे पहले उन्होंने हवाई में कृष्ण मंदिर की स्थापना में सहायता की उसके बाद डेट्रॉइट में उन्होंने 5 लाख डॉलर से भक्तिवेदांत सांस्कृतिक केन्द्र की स्थापना की. रुस की राजधानी मॉस्को में उन्होंने 10 मिलियन डॉलर की लागत से बनने वाले वैदिक सांस्कृतिक सेंटर के निर्माण में मदद की. वहीं होनोलुलु में हरे कृष्णा मंदिर और लर्निंग सेंटर के लिए उन्होंने 6 लाख अमेरिकी डॉलर से एक हवेली भी खरीदा था.
सबसे ऊंचे गुंबद वाले मंदिर का निर्माण
अंबरीश दास पश्चिम बंगाल के मायापुर में विश्व के सबसे ऊंचे गुंबद वाले कृष्ण मंदिर का निर्माण करवा रहे हैं. ये जगह चैतन्य महाप्रभु की जन्मस्थली है. 700 करोड़ के इस प्रोजेक्ट के लिए वे विश्व में घूम-घूम कर डोनेशन ले रहे हैं और अब तक उन्होंने इसके लिए 250 करोड़ रुपये दे चुके हैं.