शिखिल ब्यौहार, भोपाल। केंद्र सरकार के आठवें वेतन आयोग का गठन कर दिया है। आयोग केंद्रीय कर्मचारियों के वेतन में वृद्धि की अनुशंसा करेगा। 8वें वेतन आयोग के गठन से मध्यप्रदेश के कर्मचारियों में खुशी की लहर है। 8 वें वेतन आयोग की अनुशंसा लागू होने के बाद राज्य सरकार भी अपने कर्मचारियों के लिए अनुशंसा लागू कर सकती है। केंद्र सरकार की ओर से हर 10 साल में नया वेतन आयोग लाया जाता है। अभी कर्मचारियों को सातवें वेतनमान का फायदा दिया जा रहा है। अनुमान है कि रुपए ग्रेड-पे के साथ 18000 हजार रुपए सैलरी पाने वाले केंद्रीय कर्मचारी की सैलरी आठवें वेतन आयोग की अनुशंसा के बाद 34, 560 हो सकती है। कैबिनेट सचिव के स्तर वाले कर्मचारी जिन्हें अधिकतम 2.5 लाख रुपए की बेसिक सैलरी मिलती है, उनकी सैलरी बढ़कर लगभग 4.8 लाख रुपए हो सकती है।

मध्यप्रदेश के कर्मचारियों को उम्मीद है कि उनकी सैलरी में भी बढ़ोतरी हो सकती है। कर्मचारी संगठनों को उम्मीद है केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी में वेतनवृद्धि के बाद राज्य के कर्मचारियों द्वारा केंद्र के समान वेतन देने की परंपरा रही है, और यह परंपरा जारी रहेगी। इस बार पूरी कोशिश रहेगी कि आठवें वेतन आयोग की अनुशंसाओं को लागू करने का दबाव बनाएंगे।उधर बीजेपी कांग्रेस में भी जुबानी जंग शुरू हो गई है। कांग्रेस का कहना है एमपी में आज भी कई निगम मंडल आयोग में पांचवां ,छठवां वेतनमान कई कर्मचारियों को मिलता है। आज तक सातवां वेतनमान उन्हें नहीं मिला है। ऐसे में एमपी सरकार यह विसंगति दूर करे और पूरा लाभ कर्मचारियों को दे। उधर बीजेपी ने कांग्रेस को कर्मचारी विरोधी बताया है। जानकारी
उमाशंकर तिवारी तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ ने दी।

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