रायपुर। भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री राजेश मूणत ने प्रदेश सरकार पर प्रवासी मज़दूरों के प्रति संवेदनहीन व्यवहार करने का आरोप लगाकर तीखा हमला बोला है. मूणत ने कहा कि इन प्रवासी मज़दूरों के साथ प्रदेश सरकार ने जैसा रवैया अख़्तियार किया हुआ है, वह मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सरकार के ग़रीब व मज़दूर विरोधी राजनीतिक चरित्र का परिचायक है.

पूर्व मंत्री मूणत ने कहा कि देशभर के विभिन्न राज्यों में लॉकडाउन के चलते फँसे श्रमिकों की वापसी के नाम पर प्रदेश के मुख्यमंत्री बघेल ने राजनीतिक पाखंड रच रखा है. विभिन्न राज्यों से अनुमति लेकर जो श्रमिक वापस छत्तीसगढ़ लौट रहे हैं, प्रदेश सरकार और उसके नौकरशाह उन मज़दूरों को आधी रात को छत्तीसगढ़ की सीमा पर ही रोक रहे हैं और प्रदेश में प्रवेश की अनुमति नहीं दे रहे हैं. कई श्रमिकों को तो वापस भी लौटाए जाने की जानकारी मिली है.

मूणत ने बताया कि एक गर्भवती महिला को प्रदेश की सीमा पर मौज़ूद अधिकारियों ने वापस लौटा दिया। एक वृद्ध को बीमार होने के बावज़ूद प्रदेश में प्रवेश करने की अनुमति नहीं देकर वापस लौटा दिया गया जिसकी बीमारी के चलते मृत्यु हो गई। प्रदेश की सरकार और नौकरशाही की संवेदनहीनता की यह पराकाष्ठा है.

पूर्व मंत्री मूणत ने कहा कि लॉकडाउन में फंसे प्रदेश के श्रमिकों को अनुमति के बावज़ूद भूपेश सरकार ठोस व कारगर इंतज़ाम करने के बजाय प्रदेश की सीमा पर रोक कर मौत के मुंह में जाने को विवश कर रही है. प्रदेश सीमा पर मौज़ूद अधिकारी इन मज़दूरों को अनुमति की प्रक्रिया के बारे में भी जानकारी नहीं दे रहे हैं और विभिन्न राज्यों से पहुंचे छत्तीसगढ़ के ये श्रमिक जानकारी के अभाव में परेशान हो रहे हैं.

मूणत ने कहा कि ग़रीब-मज़दूरों के नाम पर राजनीतिक करके प्रदेश के मुख्यमंत्री बघेल एक तरफ तो खुद को छत्तीसगढ़ का धरतीपुत्र कहकर डींगें हांकते नहीं थकते, वहीं दूसरी तरफ प्रदेश की सीमा पर छत्तीसगढ़ के धरतीपुत्र श्रमिकों को अपमानित और प्रताड़ित किया जा रहा है. प्रदेश सरकार के इस रवैए की जितनी निंदा की जाए, कम ही है.

पूर्व मंत्री मूणत ने कहा कि प्रवासी मज़दूरों की नि:शुल्क वापसी के नाम पर मुख्यमंत्री बघेल ने केंद्र सरकार को कोसते हुए जो सियासी लफ्फाजियां की थीं, प्रदेश अभी सरकार की उस सौदेबाजी को भूला नहीं है. पूरा प्रदेश भूपेश सरकार की कार्यप्रणाली, बदनीयती, कुनीतियों और अक्षम व कन्फ़्यूज़्ड नेतृत्व के कारण त्रस्त हो चला है और ज़ल्द-से-ज़ल्द इस सरकार से मुक्ति चाहने लगा है.

मूणत ने कहा कि मंगलवार 12 मई को लाखों भाजपा कार्यकर्ताओं के धरना आंदोलन की व्यापक सफलता यह सिद्ध करती है कि प्रदेश सरकार ने कोरोना संकट की रोकथाम और प्रभावितों की पर्याप्त मदद के मोर्चे पर पूरी तरह अव्यवस्था फैला रखी है और वह विफल सिद्ध हो रही है। इसलिए लोगों में प्रदेश सरकार के ख़िलाफ़ गहन आक्रोश है.