ज्ञान खरे, पामगढ़। जांजगीर-चांपा जिले में एक ऐसा भी शासकीय प्रायमरी स्कूल है, जहां एक भी छात्र पढ़ाई नहीं कर रहे हैं और इस स्कूल में शिक्षक भी पदस्थ हैं. चौंकिये मत, ऐसा संभव जांजगीर चांपा में हो रहा है. इसका खुलासा तब हुआ जब केन्द्राध्यक्ष परीक्षा लेने स्कूल पहुंचे.

जब वे स्कूल पहुंचे तो वहां एक भी छात्र परीक्षा देने के लिए नहीं पहुंचा था. जबकि वहां पदस्थ दोनों शिक्षक बगैर पढ़ाई के ही बरसों से सैलरी ले रहे हैं. इन शिक्षकों ने छात्रों की उपस्थिति व दर्ज संख्या की रिपोर्ट अब तक अधिकारियों को नहीं दी थी. वहीं रजिस्टर में 30 छात्रों का नाम और उपस्थिति भी दर्ज कर रखी है.

पामगढ़ ब्लॉक के गुड़ीपारा प्रायमरी स्कूल का यह मामला है. इस दफा प्रायमरी और मिडिल स्कूल की परीक्षाएं एक साथ लेने का निर्णय लिया गया था. जिसके तहत परीक्षाएं शुरु हैं. परीक्षा के लिए नियुक्त केन्द्राध्यक्ष जब गुड़ीपारा स्थित प्रायमरी स्कूल पहुंचे, तो वहां की स्थिति देखकर दंग रह गए. पेपर का समय 8 बजे से 11 बजे तक था.

इस दौरान वे पूरे तीन घंटा स्कूल में बैठे रहे. इस दौरान कोई भी छात्र परीक्षा देने नहीं पहुंचा. केन्द्राध्यक्ष ने जब इसकी जानकारी ली तब पता चला कि यहां छात्र ही नहीं हैं. इसलिए कोई भी छात्र परीक्षा देने नहीं पहुंचा. केन्द्राध्यक्ष ने स्कूल के शिक्षकों से जब इस बारे में सवाल किया तो वो बातों को घुमाते रहे और कोई जवाब नहीं दे पाए.

इस पूरे मामले में डीईओ और बीईओ की भूमिका भी सवालों के घेरे में है. क्या वे साल में एक दिन भी स्कूल का निरीक्षण करने नहीं पहुंचे. इस मामले में जब हमारी टीम ने DEO और BEO से जानकारी लेनी चाही तो वो भी बचते नजर आए. आचार संहिता का हवाला देते हुए उन्होंने कुछ भी कहने इंकार कर दिया.