रायपुर। तिल्दा-नेवरा के ग्राम सरोरा में अवैध रुप से मुरुम उत्खनन का मामला सामने आया है. खनन माफिया ने बगैर अनुमति के सरपंच के साथ मिलीभगत कर लाखों रुपए का मुरुम उत्खनन किया है. जानकारी मिलने पर तहसीलदार नंद सिन्हा ने छापामार कार्रवाई करते हुए 2 हाईवा और एक जेसीबी मशीन को जब्त कर लिया है. जब्त किये गए वाहन को तिल्दा-नेवरा थाना के सुपुर्द कर दिया है वहीं आगे की कार्रवाई के लिए मामला माइनिंग विभाग को सौंप दिया है.

मामला ग्राम सरोरा का है मौके पर कार्रवाई करने वाले तहसीलदार नंद सिन्हा ने बताया कि 2017 में सरपंच ने कोरबा के ठेकेदार उज्जवल बासन को तालाब गहरीकरण का काम दिया था. लेकिन सरपंच ने गहरीकरण के प्रस्ताव को पंचायत से पास कराए बगैर ही ठेकेदार को काम सौंप दिया. ठेकेदार द्वारा तालाब के गहरीकरण के नाम पर मुरुम का उत्खनन कर रहा था, तालाब के उस क्षेत्र में जहां मिट्टी जमा थी उस क्षेत्र को उसने वैसे ही छोड़ दिया और मुरुम वाली जगह में कही 20 फीट तो कही 25 फीट तक खनन किया गया है. जिसकी वजह से तालाब में कहीं टापू तो कहीं गहरी खाई जैसी स्थिति भी बन गई है. जिसकी वजह से कभी भी कोई दुर्घटना और जन हानि हो सकती है. तहसीलदार ने बताया कि खनन माफिया के पास किसी भी तरह का कोई वैध दस्तावेज नहीं पाया गया है. उन्होंने बताया कि खनन माफिया ने तालाब से 200 से 250 हाइवा मुरुम बगैर किसी अनुमति के उत्खनन किया. जिसकी अनुमानित बाजार कीमत तकरीबन 10 लाख रुपए बताई जा रही है. फिरहाल इस मामले में आगे की कार्रवाई माइनिंग विभाग को सौंप दी गई है.