रायपुर। सामाजिक कार्यकर्ता बेला भाटिया के पति ज्यां द्रेज को झारखंड पुलिस द्वारा गिरफ्तार किये जाने की छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल ने निंदा की है. भूपेश बघेल ने कहा, “प्रसिद्ध खाद्य सुरक्षा कार्यकर्ता, जनहित के मुद्दों पर मुखर रहने वाले ज्यां द्रेज की झारखंड पुलिस द्वारा गिरफ्तारी निंदनीय है। आखिर BJP की सरकारों को गरीब एवं आदिवासियों के हित के लिए काम करने वालों से इतनी नफरत क्यों है? ये लोग सच में सिर्फ़ सूट बट वालों के लिए ही काम करते हैं”
प्रसिद्ध खाद्य सुरक्षा कार्यकर्ता, जनहित के मुद्दों पर मुखर रहने वाले ज्यां द्रेज की झारखंड पुलिस द्वारा गिरफ्तारी निंदनीय है।
आखिर BJP की सरकारों को गरीब एवं आदिवासियों के हित के लिए काम करने वालों से इतनी नफरत क्यों है? ये लोग सच में सिर्फ़ सूट बट वालों के लिए ही काम करते हैं।
— Bhupesh Baghel (@bhupeshbaghel) March 28, 2019
आपको बता दें झारखंड में भोजन का अधिकार अभियान ने सरकार की आधार कार्ड की अनिवार्यता पर कई गंभीर सवाल खड़ करने वाले सामाजिक कार्यकर्ता और अर्थशास्त्री ज्यां द्रेज को झारखंड़ पुलिस ने गिरफ्तार किया है. ज्यां द्रेज छत्तीसगढ़ के बस्तर इलाके में काम करने वाली सामाजिक कार्यकर्ता बेला भाटिया के पति हैं. बताया जा रहा है कि ज्यां द्रेज के अलावा उनके दो अन्य साथी को झारखंड के भीषुपूरा (गढ़वा) पुलिस द्वारा गिरफ्तार किया गया है.
किया था ये खुलासा
कुछ महीनों पहले ज्यां द्रेज ने झारखंड राज्य में जिन लोगों का आधार से पेंशन, राशन कार्ड, जॉब कार्ड लिंक नहीं हुआ है वैसे लाभार्थियों को लाभ से वंचित किए जाने का खुलासा किया था. झारखंड में जॉब कार्ड, राशन कार्ड या पेंशनर को फर्जी बताया गया है और इस मद में बची हुई राशि को सरकार आधार इनेबल सेविंग कहकर खुद की वाहवाही लूट रही है. झारखंड में आधार कार्ड से लिंक नहीं होने के कारण हजारो जॉब कार्ड भी कैंसिल कर दिए गए हैं. प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए ज्यां द्रेज ने यह बातें कहीं थी.
ज्यां द्रेज ने खुलासा किया था कि 2017 में केंद्र सरकार ने कहा कि आधार की वजह से 100 करोड़ रुपये बचाए. सरकार जिस तरीके से फर्जी राशन कार्ड बताकर राशन कार्ड को कैंसिल कर रही है वह गलत है. आरटीआई से प्राप्त सूचना से पता चला है कि राज्य में रद्द किए गए राशन कार्डों में से मात्र 12% ही गलत थे. इसके कारण जरूरतमंदों को उनके राशन के अधिकार से वंचित हो जाना पड़ा.
उन्होंने ये भी कहा था कि राज्य में आधार की वजह से दो लाख पेंशनरों की पेंशन रद्द कर दी गई, जबकि इस मुद्दे पर खूंटी जिला में आकलन करने पर पता चला कि ऐसे लोगों की ही पेंशन रद्द की गई जिन्होंने किसी वजह से आधार से बैंक खाता लिंक नहीं कराया था. राज्य सरकार की इस तरह की कार्रवाई से जरूरतमंद भूखे मरने को मजबूर हो रहे हैं. हालांकि उनकी गिरफ्तारी किस मामले में हुई है ये खुलासा अभी नहीं हो सका है.