मनोज यादव, कोरबा। चुनाव आ गया है. गरीबों की चिंताएं अब नेताओं को सताने लगी है. खाने से लेकर ओढ़ने, बिछाने और पहनने को लेकर नेताजी फिक्रमंद रहने लगे है. तभी तो कंबल से लेकर साड़ी तक, पाजेब से लेकर बिछिया तक, दारु से लेकर मटन-मुर्गे तक देकर खयाल रखा जा रहा है. बस आपको कुछ नहीं करना है सिर्फ एक बटन ही तो दबाना है. उसके बाद भले ही नेताजी पलट कर वापस न देखें. पांच साल में एक बार भी आपकी सुध लेने भी न आएं.

जी हां कोरबा में इन दिनों कुछ ऐसा ही नजारा है. यहां 23 अप्रैल को मतदान होना है. चुनाव जीतने के लिए यहां प्रत्याशियों के द्वारा जनता को लुभाने का मामला सामने आया है. यहां प्रत्याशी द्वारा जनता को एक खास सीरिज के 10 रुपये के नोट और पर्ची दी जा रही है. इस पर्ची या 10 रुपये के नोट देने क्षेत्र की चिकन शॉप में देने पर उन्हें 1 किलो चिकन दिया जा रहा है. शहर में बस्ती से लेकर सीतामढ़ी तक शायद ही ऐसी कोई गली खोमचे-दुकान बची हो जहां से चुनावी मुर्गा ना बंट रहा हो, हर दुकान को राजनीतिक दलों ने अलग-अलग सीरीज के नोट के नंबर का आबंटन किया है. बकायदा वहां पर नोट या टोकन उपलब्ध करवाने वाला बंदा भी उपस्थित है. पिछले कुछ दिन से सीतामढ़ी, दर्री और मुढ़ापार की चिकन दुकानों में लोगों की लंबी कतारें लगी हुई है.

दस के नोट से मुर्गे की पूरी रकम अनुबंधित करने वाली पार्टी से पैसा वसूलने में किसी तरह की परेशानी ना हो इसलिए चिकन-मटन के दुकानदार भी आबंटित किए गए सीरीज के नोटों का नंबर देख पूरी तरह से तस्दीक कर रहे हैं. जिसके बाद ही ₹10 के 1 नोट पर 1 किलो चिकन प्रदान किया जा रहा है. कई लोग ऐसे हैं जो ₹10 के दो तीन या चार नोट लेकर दुकानों में पहुंच रहे हैं लेकिन एक व्यक्ति को एक नोट के बदले 1 किलो ही चिकन दिया जा रहा है. पर्ची और 10 का नोट लेकर चिकन लेने पहुंचे लोगों ने इसका खुलासा किया है. हालांकि डर की वजह से किसी ने भी यह नहीं बताया कि उन्हें यह प्रलोभन किस पार्टी द्वारा दिया जा रहा है.