रायपुर. छत्तीसगढ़ विधानसभा में आज पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग, लोक स्वास्थ्य, परिवार कल्याण एवं चिकित्सा शिक्षा और संसदीय कार्य मंत्री अजय चन्द्राकर के विभागों से संबंधित आगामी वित्तीय वर्ष 2018-19 के लिए 10 हजार 816 करोड 25 लाख 63 हजार रूपए की अनुदान मांगों को ध्वनिमत से पारित कर दिया गया। इसमें राज्य विधान मण्डल के लिए 61 करोड़, 60 लाख 20 हजार रूपए, पंचायत एवं ग्रामीण विकास से संबंधित व्यय के लिए 3,903 करोड़ 15 लाख 29 हजार रूपए, त्रिस्तरीय पंचायती राज संस्थाओं को वित्तीय सहायता के लिए 4000 करोड़ 18 लाख 73 हजार रूपए, लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण के लिए 2046 करोड़ 64 लाख 52 हजार रूपए और चिकित्सा शिक्षा विभाग से संबंधित व्यय के लिए 804 करोड़ 66 लाख 89 हजार रूपए की अनुदान मांगें शामिल हैं।

अजय चन्द्राकर ने अनुदान मांगों पर सदन में हुई चर्चा का जवाब देते हुए बताया कि आगामी वित्तीय वर्ष में प्रदेश के सभी सरकारी अस्पतालों में इलाज के लिए आने वाले सभी वर्गो के मरीजों को निःशुल्क जांच की सुविधा मिलेगी।  इसके लिए बजट में 30 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने जनहित में निर्णय लेते हुए रायपुर के डॉ. भीम राव अम्बेडकर स्मृति चिकित्सालय परिसर में स्थित एडवांस कार्डियक इंस्टीट्यूट का संचालन अपने हाथो में ले लिया है। इसके सुचारू संचालन के लिए वर्ष 2018-19 के बजट में 11 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है। इससे पूरे प्रदेश भर के ह्दयरोगियों को लाभ होगा। चन्द्राकर ने सदन मंे बताया कि राजधानी के पुराने डीकेएस अस्पताल को सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल के रूप में विकसित किया जा रहा है। यह छत्तीसगढ़ में शासकीय क्षेत्र मे पहला सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल होगा जो आधुनिक चिकित्सा उपकरणों से सुसज्जित होगा। यहां सुपर स्पेश्लिस्ट चिकित्सकों द्वारा किडनी, न्यूरो, हृदय एवं अन्य बीमारियों के इलाज की सुविधा जनता को मिलेगी। इसके लिए 29 करोड़ 53 लाख रूपए का बजट प्रावधान किया गया है।
चन्द्राकर ने बताया कि छत्तीसगढ़ देश का पहला ऐसा राज्य है जहां सभी परिवारों को स्वास्थ्य बीमा की पात्रता है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना और मुख्यमंत्री स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत राज्य के प्रत्येक परिवार को 50 हजार रूपए तक के निःशुल्क इलाज की व्यवस्था सरकार द्वारा की गई है। आगामी वर्ष के बजट में राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना के लिए 315 करोड़ 70 लाख रूपए एवं मुख्यमंत्री स्वास्थ्य बीमा योजना के लिए 131 करोड़ रूपए प्रस्तावित है। इसके अलावा प्रदेश के लोगों को बेहतर और तत्काल स्वास्थ्य सुविधा प्रदान करने के लिए 108 संजीवनी एम्बुलेंस सेवा, 102 महतारी एक्सप्रेस, संजीवनी सहायता कोष, मुख्यमंत्री बाल हृदय सुरक्षा योजना, बाल श्रवण योजना और चिरायु जैसी योजनाए संचालित की जा रही है।

 पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग- अजय चन्द्राकर ने पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की अनुदान मांगों पर चर्चा का जवाब देने के दौरान घोषणा की, कि अब प्रदेश के सभी गांवों में पसरा लगाकर, सब्जी-भाजी इत्यादि बेचने वालों को कोई शुल्क नहीं देना पड़ेगा। उन्हांेने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सभी बेघर परिवारों और जीर्ण-शीर्ण मकानों में रह रहे परिवारों को वर्ष 2022 तक बुनियादी सुविधा युक्त आवास उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा है। मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के नेतृत्व में प्रदेश में तीन वर्षो मंे छह लाख 88 हजार 235 परिवारों को आवास देने का लक्ष्य रखा गया है। इसके लिए 8844 करोड़, 44 लाख रूपए खर्च किए जाएंगे। चन्द्राकर ने सदन में बताया कि महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के तहत चालू वित्तीय वर्ष में प्रदेश में अब तक नौ करोड़ 39 लाख मानव दिवस रोजगार सृजित किया गया है। उन्होेंने बताया कि मनरेगा मजदूरों को शीघ्र मजदूरी भुगतान के लिए उनके 92 प्रतिशत खातों को पोस्ट ऑफिस से बैंक खाते में स्थानांतरित कर लिया गया है। इससे अब 15 दिनों के भीतर ही मजदूरी भुगतान संभव हो गया है।
पंचायत मंत्री चन्द्राकर ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आह्वान और मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के कुशल मार्गदर्शन में छत्तीसगढ़ शीघ्र ही खुले में शौच मुक्त राज्य बनने की दिशा में अग्रसर है। अब तक 10,971 ग्राम पंचायतों में से 10,725 ग्राम पंचायतों के 18,800 गांवों को खुले में शौच मुक्त (ओडीएफ) किया जा चुका है। प्रदेश के 33 लाख 65 हजार परिवार घरेलू शौचालय का प्रयोग कर रहे है। उन्हांेने जानकारी दी कि मुख्यमंत्री ग्राम गौरवपथ योजना के तहत वित्तीय वर्ष 2018-19 में 260 ग्राम, मजरे, टोले में गौरवपथ निर्माण के लिए 50 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है। मुख्यमंत्री ग्राम सड़क एवं विकास योजना के तहत कुल 395 करोड़ रूपए के बजट से 275 गांवों, मजरों और टोलों में  671 किलोमीटर लम्बाई की 236 सड़के बनायी जाएंगी। राज्य विधान मण्डल के लिए 61 करोड़ 60 लाख बीस हजार रूपए की अनुदान मांगे भी ध्वनिमत से पारित की गई।