संदीप अखिल, रायपुर. 2 अक्टूबर महात्मा गांघी जी की जयंती है. बापू की 150वी जयंती हम मना रहें है. आज के मौजूदा दौर में गांधी जी के विचार ही हमारा मार्ग प्रसस्त कर सकता है. भारत की युवा पीढ़ी जिसकी तरफ आज समूचा विश्व देख रहा है उसे आज बापू की जरूरत है. जिस तरह राजकुमार हिरानी की फ़िल्म मुन्ना भाई MBBS में मुन्ना को सत्य के मार्ग में ले जाने के लिए बापू दिखते हैं. मार्गदर्शन करते हैं उसी तरह आज की पीढ़ी के “मुन्ना” को बापू की जरूरत है क्योंकि वही उन्हें सत्य और अहिंसा के मार्ग पर ले जाकर युवा शक्ति को सही दिशा दे सकते है. सबसे अधिक युवाओं के देश की आँखों में जब बापू दिखने लगेंगे तब ही भारत एक बार फिर वैचारिक अशुद्धता से आज़ाद होगा. गांधी जी के पदचिन्हों पर चलकर ही स्वराज की अवधारणा को सार्थक बनाया जा सकता है. आज की युवा पीढ़ी में इतना सामर्थ्य है कि स्वराज के माध्यम से समाज के अंतिम व्यक्ति के कल्याण को सुनिश्चित किया जा सकता है, पर ये तब ही सम्भव है जब हम गांधी जी के बताएं मार्ग से सत्य और अहिंसा के रास्ते आत्मानुशासन से समाज को एक सूत्र में बांध कर आगे बढ़ेंगे, स्वदेशी आंदोलन के ज़रिए स्वरोजगार के माध्यम से आत्म निर्भर बनने के गांधी के सपने और सोच को पूरा करने की जिम्मेदारी आज युवा पीढ़ी पर है. स्वच्छता का संदेश के लिए बापू के चश्मे का प्रतीक चिन्ह का रूप में आप ने कई स्थानों पर विज्ञापन के माध्यम से आप ने देखा होगा ,बापू बहुत सहज और सरल थे और उनके विचार भी उतने सहज और सरल थे, आज हमारे पास अवसर है कि उनके चश्मे से समाज को देखें ,उनकी लाठी जो किसी को मारने के लिए नही बल्कि दुर्गम मार्ग में कैसे सत्य के रास्ते पर चला जा सकता है उसकी प्रेरणा देता है ,इसलिए आप बापू के विचार और उनके वस्तुवों को आप अपने जीवन के पथप्रदर्शक के रूप में शामिल कर सकते है,बहुत दुख होता कि युवा पीढ़ी गांधी के विचारों को समझ नहीं पा रही है ,हम सहजता सरल स्वभाव का परिहास करते हैं ,कोई मेरे एक गाल में मारे तो दूसरा आगे नहीं आगे करूँगा जैसे उदाहरण से गांधी के विचारों को जोड़ते जो सही नहीं है ,ऐसे उदाहरणों से क्या हम गांधी जी के व्यक्तित्व को समझ सकते है? इस पर हमे विचार करना होगा, और वास्तव में गांधी जी आते है आप की मदद करने अपने विचारों के माध्यम से जब युवा पीढ़ी सत्य, अहिंसा के मार्ग पर चलकर समाज के उत्त्थान का संकल्प लेकर आगे बढ़ेगी तो गांधी जी आप को निश्चित रूप से दिखेंगे और आप का मार्गदर्शन भी करेंगे।
लेखक- स्वराज एक्सप्रेस में समाचार समन्वयक हैं.