रायपुर। पत्थलगढ़ी पूरी तरह से धर्मांतरण का स्वरूप है. इसे सर्व आदिवासी समाज पारंपरिक संस्कृति का हिस्सा बताकर भोल-भाले आदिवासियों को गुमराह कर रहा है. सरकार इस तरह के आंदोलन को कतई बर्दाश्त नहीं करेगी. पत्थलगढ़ी असैंवधानिक है और सरकार इस मामले में झुकने वाली है. सरकार की पैनी नजर कुनकुरी में हो रहे आंदोलन पर है. इसके साथ सरकार पत्थलगढ़ी से जुड़े तमाम गतिविधियों पर गंभीर है. ये तमाम गृहमंत्री रामसेवक पैकरा ने lalluram.com से बातचीत में कही.

गृहमंत्री से हमने पूछा कि सर्व आदिवासी समाज आज कुनकुरी में पत्थलगढ़ी मुहिम से जुड़े रहे नेताओं की रिहाई की मांग को लेकर प्रदर्शन और जेल भरो आंदोलन कर रहा इस पर सरकार क्या कर रही है? इस सवाल के जवाब में गृहमंत्री ने सीधे और स्पष्ट तौर कह दिया है सरकार ऐसे किसी भी आंदोलन से सख्ती से निपटेगी जो कि संविधान के खिलाफ है. जिन लोगों को गिरफ्तार किया गया है वे संविधान के खिलाफ जाकर काम कर रहे थे उन्होंने आदिवासियों को भड़काने और धर्मांतरण कराने काम किया है. लिहाजा निःशर्त रिहाई का सवाल ही नहीं है.

गृहमंत्री ने यह भी कहा कि पत्थलगढ़ी के नाम पर आदिवासी संस्कृति को बिगड़ने नहीं दिया जाएगा और न ही इससे सामाजिक सद्भाव को खराब होने दिया जाएगा. सरकार जशपुर जिला या अन्य जगहों पर समाज को जागरूक करने का काम भी कर रही है, साथ ही असैंवधानिक आंदोलन चलाने वालों से सख्ती निपट भी रही है. गृहमंत्रालय की नजर आदिवासी क्षेत्रों में हो आंदोलनों पर है.