रायपुर। नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने भाजपा कार्यकर्ता चंद्रिका प्रसाद तिवारी की मौत के मामले में सीएम भूपेश बघेल को पत्र लिखा है. पत्र में उन्होंने सीएम से चंद्रिका की मौत की उच्च स्तरीय न्यायिक जांच की मांग की है. कौशिक ने सीएम को लिखे पत्र में बिलासपुर एसपी के ऊपर मामले को दबाने का प्रयास करने का आरोप लगाया है.

कौशिक ने पूरे मामले का जिक्र करते हुए लिखा है कुम्हारी गांव निवासी चंद्रिका प्रसाद और दिनेश को 8 अप्रैल की शाम को मरवाही पुलिस थाने में बंद कर उनकी बर्बरता पूर्वक पिटाई की गई थी. इस पिटाई में उन्हें अंदरुनी चोट आई और उनके दांत भी टूट गए. पुलिस ने चंद्रिका की पिटाई करने के बाद सोमवार को उनके ऊपर प्रतिबंधात्मक धारा के तहत कार्रवाई करते हुए तहसीलदार की कोर्ट में पेश किया गया. जहां चंद्रिका तिवारी द्वारा तबीयत खराब होने का हवाला देते हुए शीघ्र कार्रवाई करने का अनुरोध किया गया था. तहसीलदार द्वारा शाम 4 बजे सुनवाई की गई. लगातार बिगड़ते स्वास्थ्य के बाद भी चंद्रिका तिवारी को चिकित्सा सुविधा काफी विलंब से उपलब्ध करवाने कार्रवाई प्रारंभ की गई. इस दौरान उस की मृत्यु हो गई.

उन्होंने पत्र में आगे लिखा है कि पुलिस अधीक्षक बिलासपुर द्वारा सांसद बिलासपुर और जनप्रतिनिधियों के विरोध-प्रदर्शन के पश्चात भी थाना प्रभारी ई. एक्का पर कोई कार्रवाई नहीं की गई. मीडिया में पुलिस अधीक्षक का बयान आया है कि मुख्यमंत्री जी के निर्देश पर थाना प्रभारी को लाईन अटैच किया गया है इससे स्पष्ट है कि पुलिस अधीक्षक द्वारा पूर्णतः मामले को दबाने का प्रयास कर थाना प्रभारी का पक्ष लिया जा रहा था.

चंद्रिका प्रसाद के परिजन व ग्रामवासी अत्यंत रोष में है क्योकि उनका स्पष्ट मत हैं कि थाना प्रभारी श्री ई, एक्का की बर्बरता पूर्वक पिटाई के कारण ही तिवारी की मृत्यु हुई है मगर थाना प्रभारी मरवाही के विरुद्ध पुलिस के द्वारा अपराध पंजीबद्ध नहीं किया गया है. वास्तव में पूरा प्रकरण पुलिस की निर्ममता पूर्वक पिटाई से हुई मृत्यु से संबंधित है. अतः पूरे मामले की उच्च स्तरीय न्यायिक जाँच कराई जानी अत्यंत आवश्यक है. ताकि दोषी पुलिसकर्मियों पर धारा 302 लगाकर तिवारी के परिजनों को न्याय दिलवाया जा सके. न्यायिक जॉच करने संबंधित शीघ्र निर्णय लेने अनुरोध है.