बिलासपुर. छत्तीसगढ़ में प्लास्टिक कैरी बैग पर लगे प्रतिबन्ध का पालन कराने हेतु दायर की गई जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायधीश अजय कुमार त्रिपाठी तथा न्यायमूर्ति पी.पी.साहू की युगलपीठ ने प्रत्येक पंचायत और नगरीय निकायों में प्लास्टिक कैरी बैग, होर्डिंग और प्रचार सामग्री के फ्लेक्स और डिस्पोजल, कप, ग्लास, प्लेट पर लगे प्रतिबन्ध के क्रियान्वयन हेतु कमेटी गठित करने के आदेश देते हुऐ 6 हफ्ते में शासन से जवाब मांगा है. कोर्ट ने कहा कि कलेक्टर के पास अन्य बहुत काम होेते हैं अतः इन कमेटियों में जिले के कलेक्टर नहीं होंगे.
गौरतलब है कि 1 जनवरी 2015 से प्रदेश में प्लास्टिक कैरी बैग का निर्माण, विक्रय, परिवहन तथा उपयोग को प्रतिबंधित करने के बावजूद प्लास्टिक कैरी बैग का उपयोग धडल्ले से होने कारण नितिन सिंघवी ने जनहित याचिका लगा कर बताया था कि नगर निगम तथा पर्यावरण संरक्षण मंडल अधिकार नहीं होने के बावजूद मनमानी पेनाल्टी लगा कर दोषियों को छोड़ देते हैं.
कोर्ट द्वारा तब नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग के विशेष सचिव को व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में पेश होने के आदेश दिये थे. विशेष सचिव ने पूर्व में कोर्ट में शपथ पत्र प्रस्तुत करके बताया था कि प्रदेश भर में 13 दिनों में 905 व्यक्तियों के विरूद्ध कार्यवाही की है जिनके विरूद्ध स्थानीय कोर्ट में शिकायत प्रस्तुत की जावेगी.
प्रतिबन्ध कब-कब लगाया
- 1 जनवरी 2015 से प्रदेश में प्लास्टिक कैरी बैग का निर्माण, विक्रय, परिवहन तथा उपयोग को प्रतिबंधित किया गया.
- 27 सितम्बर 2017 को जारी की गई नई अधिसूचना के तहत अल्य आयु पी.वी.सी. से बने विज्ञापन तथा प्रचार सामग्री के होर्डिंग, फ्लेक्स के अलावा खानपान के लिये प्रयुक्त प्लास्टिक की वस्तुऐं जैसे कप, ग्लास, प्लेट, बाउल चम्मच के निर्माण, विक्रय परिवहन तथा उपयोग पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है.