रायपुर। राज्य गठन के बाद से उपेक्षित राजभाषा छत्तीसगढ़ी को लेकर नई सरकार से बड़ी उम्मीदें है. छत्तीसगढ़ी को बीते 18 साल में मातृभाषा होने के बाद भी मान-सम्मान नहीं मिल पाया. वजह राजनीतिक तौर पर छत्तीसगढ़ी की उपेक्षा. ऐसे में अब नई सरकार को लेकर छत्तीसगढ़ी भाषा के लिए काम करने वाले लोगों की मांग है कि छत्तीसगढ़िया सरकार छत्तीसगढ़ी में शपथ ले. इससे छत्तीसगढ़ी भाषा को लेकर व्यापक स्तर पर एक महौल बनेगा. समूचे सरकार के साथ समाज के भीतर एक बड़ा संदेश जाएगा.

छत्तीसगढ़ी राजभाषा मंच के संयोजकर नंदकिशोर शुक्ल ने ने यह मांग की है कि मुखयमंत्री अपने पद की शपथ छत्तीसगढ़ी में. इसके साथ सभी विधायक भी अपनी मातृभाषा और राजभाषा छत्तीसगढ़ी में ही शपथ ले. छत्तीसगढ़िया महिला क्रांति सेना के अध्यक्ष लता राठौर ने कहा कि छत्तीसगढ़ी को अगर वास्तव में सरकारी सरकारी काम-काज और शिक्षा की भाषा बनाना चाहती है तो फिर सरकार के मुखिया भी छत्तीसगढ़ी में शपथ लेकर इस दिशा में मजबूत पहल करे. सभी अपनी मातृभाषा में शपथ लेकर सच्चे माटीपुत्र होने का कर्ज अदा करें.