रायपुर। खनिज संपदा से भरपूर छत्तीसगढ़ राज्य के लिए एक बड़ी खुशखबरी है. खबर ये हैं कि छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले के साथ महासमुंद, बलौदाबाजार धमतरी हीरा मिलने के संकेत मिले हैं.  भारतीय भू-वैज्ञानिक सर्वेक्षण विभाग की ओर से इन जिलों में किम्बरलाइट रॉक को लेकर सर्वे किया गया है. दरअसल किम्बरलाइट की चट्टान में हीरा मिलता है. और छत्तीसगढ़ में किम्बरलाइट चट्टानों का एक बड़ा बेल्ट होने के संकेत मिले हैं. इसके साथ ही बॉक्साइट खनिज-जशपुर, चूनापत्थर-कबीरधाम, ग्लूकोनाईट-महासमुंद में होने की खबर है. वहीं टंगस्टन-बलरामपुर में सर्वे में किया गया. इन सबके साथ ही भू-रसायनिक सर्वे का कार्य बलरामपुर, कांकेर, गरियाबंद, दुर्ग, सूरजपुर, बस्तर, जशपुर, सरगुजा, रायगढ़ और कोरिया जिले में किया जा रहा है.

दरअसल गुरुवार को  सरकार के भौमिकी और खनिकर्म संचालनालय की ओर से राजधानी में राज्य स्तरीय भू-वैज्ञानिक कार्यक्रम मंडल की 18वीं बैठक आयोजित की गई. खनिज साधन विभाग के सचिव सुबोध कुमार सिंह ने बैठक की अध्यक्षता की.  बैठक में पिछले वित्तीय वर्ष 2017-18 में छत्तीसगढ़ में खनिज की खोज के लिए किए गए कार्यों की समीक्षा की गई और नये वित्तीय वर्ष 2018-19 में राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में खनिज अनुसंधान के लिए प्रस्तावित कार्यक्रम को अंतिम रूप दिया गया. भौमिकी और खनिकर्म संचालनालय की संचालक अलरमेल मंगई डी सहित केन्द्र और राज्य सरकार की विभिन्न एजेन्सियों के अधिकारी और भू-वैज्ञानिक उपस्थित थे.

बैठक की अध्यक्षता कर रहे सुबोध कुमार सिंह ने कहा कि,किसी भी देश एवं राज्य के विकास में खनिज का महत्वपूर्ण योगदान रहता है.खनिजो के पूर्वेक्षण एवं अतिरिक्त खनिज भंडार के प्रमाणीकरण कार्य हेतु संलग्न भौमिकीय संस्थानो के सयुंक्त प्रयास द्वारा राज्य में खनिज आधारित नए उद्योगों की स्थापना की जा सकती है..उन्होंने छत्तीसगढ़ में खनिज के विकास के लिए कार्य करने वाली एंजेसियों के मध्य और भी अधिक समन्वय बनाते हुए कार्य करने की सलाह दी है.

छत्तीसगढ़ के लिए खास-बात ये है कि राज्य सरकार की खनिज नीति राजस्व में 11 गुना बढ़ोत्तरी भी हुई है. भौमिकी तथा खनिकर्म संचालक अलरमेलमंगई डी ने बताया कि,वर्ष 2017-18 के लगभग 24693 करोड़ रुपये के मूल्य के खनिजो का उत्पादन किया गया.खनिज विभाग ने वर्ष 2017-18 में 4911 करोड़ रुपये का खनिज राजस्व प्राप्त कर राज्य के अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ बनाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया.उन्होंने बताया कि  पिछले 18 वर्षों में राज्य के खनिज राजस्व में लगभग 11 गुना बढ़ोतरी हुआ है..गौण खनिज से प्राप्त राजस्व को पंचायत एवं नगरीय निकाय में अंतरण किया गया है..जिसका उपयोग उस क्षेत्र के आर्थिक एवं अधोसरंचना विकास और सामाजिक उत्थान हेतु किया जा रहा है.

बैठक में यह भी जानकारी सामने आई की जीएसआई की ओर से मांड-रायगढ़ कोल फील्ड के जोबरो, टेंडूमूरी ब्लॉक और तातापानी-रामकोला प्रक्षेत्र के सेंदूर ब्लॉक में कोयला के अपार भंडार मिलने की संभावना है.