रायपुर। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राज्य में चल रही केन्द्र सरकार की योजनाओं को लेकर एक बार फिर पत्र लिखा है. बघेल ने इस दफा पीएम मोदी को पत्र भेजा है जिसमें उन्होंने राज्य में संचालित स्टैण्डअप इंडिया योजना के क्रियान्वयन की प्रक्रिया को सरल बनाने कहा है.

पत्र में भूपेश ने योजना का जिक्र करते हुए लिखा है कि अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति तथा महिला वर्ग में उद्यमिता का विकास करने के लिए भारत सरकार द्वारा 15 अगस्त 2015 को स्टैण्डअप इडिया योजना प्रारंभ की गई है. इस योजना के अंतर्गत अनुसूचित व्यवसायिक बैक की प्रत्येक शाखा को 01 अनुसूचित जाति या अनुसूचित जनजाति उद्यमी और 01 महिला उद्यमी को विनिर्माण क्षेत्र या व्यवसाय में नया उद्यम प्रारंभ करने के लिए रू 10.00 लाख से रू 1.00 करोड़ तक का ऋण दिया जाना अपेक्षित है.

भारत सरकार द्वारा उपरोक्तानुसार निर्धारित लक्ष्य की पूर्ति के लिए छत्तीसगढ़ में रिथत बैंक शाखाओं को वर्ष 2016-17, 2017-18 एवं वर्ष 2018-19 के लिए क्रमशः 4300, 4300 तथा 4800 प्रकरणों में ऋण वितरित करना था. इस लक्ष्य के विरुद्ध अभी तक केवल 1870 प्रकरण (रु. 438.35 करोड़) स्वीकृत किए गए हैं तथा केवल 1279 प्रकरणों में (रू, 160.29 करोड़) पर ऋण वितरण किए जाने की जानकारी प्राप्त हुई हैं. यह अत्यल्प प्रगति भी बैंक शाखाओं से राज्य के वाणिज्य एवं उद्योग विभाग के निरन्तर अनुसरण एवं राज्य स्तरीय बैंकर्स कमेटी में लगातार चिन्ता व्यक्त करने के बाद प्राप्त की जा सकी है. इससे यह स्पष्ट है कि भारत सरकार की इस फ्लैगशिप योजना के क्रियान्वयन के प्रति राज्य के बैंकों में उत्साह का अभाव है.

अतः आपसे अनुरोध है कि यथोचित हस्तक्षेप कर प्रक्रिया में सरलीकरण हेतु संबंधितों को निर्देश देने का कष्ट करें ताकि नये वित्तीय वर्ष में छत्तीसगढ़ राज्य में स्टैण्डअप इंडिया का लक्ष्य प्राप्त हो सके एवं राज्य के अनुसूचित जाति एवं जनजाति तथा महिला वर्ग के नवोदित उद्यमी उद्योग प्रारंभ करने के लिए प्रोत्साहित हो.