रायपुर. देश के जहां ज़्यादातर राज्यो में लघु वनोपज की खरीदी शुरू नहीं हुई हैं वहीं छत्तीसगढ़ ने लॉक डाउन में ही अपने संभावित लक्ष्य का करीब 44 फीसदी खरीद पूरा कर लिया है। इस साल केंद्र सरकार ने 50 वनोपज की खरीदी समर्थन मूल्य पर करने का नोटिफिकेशन जारी किया है। इसमें से छत्तीसगढ़ में 23 वनोपज प्रोक्योरमेंट लायक हैं। वनमंत्री मोहम्मद अकबर ने बताया कि राज्य केंद्र द्वारा नोटिफाई वनोपज के अलावा राज्य में 29 और लघु वनोपन पाए जाते हैं जो प्रोक्योरमेंट योग्य हैं। इसे भी राज्य सरकार खरीद रही है। इस साल राज्य में करीब 50 करोड़ रुपये के वनोपज की सम्भावित खरीदी का लक्ष्य है। इसमें से अब तक राज्य सरकार करीब पौने उन्नीस करोड़ लघु वनोपज की खरीदी कर चुकी है।
अकबर ने बताया कि जब उन्हें ये पता चला कि कुछ वनोपज का समर्थन मूल्य बाजार भाव से कम है। तो उन्होंने उनके समर्थन मूल्य को केंद्र के घोषित मूल्य से फौरन बढ़ा दिया। अकबर ने महुआ का उदाहरण दिया। जिसके केंद्र ने समर्थन मूल्य 17 रुपये रखा था। लेकिन बाजार भाव को देखते हुए सरकार ने इसका समर्थन मूल्य 30 रुपये कर दिया। सरकार अब तक करीब 21 करोड़ 36 लाख रुपये के वनोपज खरीद चुकी है।
अगर दूसरे राज्यो को देखा जाए तो अधिकांश राज्यो में खरीदी ही शुरू ही नही हुई है। केवल ओडिशा और झारखंड में कुछ खरीदी हुई है। ओडिशा में 5 हज़ार और झारखंड में 3.39 लाख रुपये वनोपज की खरीदी हुई है। देश के बाकी राज्यो में कोरोना से वनोपज संग्रहण बुरी तरह प्रभावित हुआ है।
छत्तीसगढ़ ने परिस्थिति का आकंलन करते हुए वनोपज की खरीदी की व्यापक तैयारियां की थी। उसके बाद संग्रहको ने लॉकडाउन का पालन करते हुए बड़ी मात्रा में वनोपजों का संग्रहण किया है। पूरे देश में अब तक करीब 22 करोड़ मूल्य के लघु वनोपज की ही खरीदी हुई है।
अकबर ने बताया कि इस सिलसिले में केंद्रीय पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने भी दो दिन पहले फ़ोन पर उनसे संग्रहित वनोपज की जानकारी ली। जब उन्हें पता चला कि यहां खरीद प्रक्रिया इतनी आगे बढ़ चुकी है तो उन्होंने फ़ोन पर ही तारीफ की। अकबर ने बताया कि खरीद की प्रक्रिया में महिला स्वयं सहायता समूह को भी रख गया है ताकि रोज़गार का दायरा बढ़ सके।