रायपुर- छत्तीसगढ़ विधानसभा में जीएसटी बिल सर्व सम्मति से पारित हो गया। चर्चा के दौरान मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह ने कहा कि ये आजादी के बाद हुआ सबसे बड़ा इकोनॉमिक रिफॉर्म है। इससे देश को मजबूती मिलेगी। देश का लोकतंत्र मजबूत होगा।

मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह ने कहा कि जीएसटी परिषद में सबसे ज्यादा प्रभावशाली सदस्य के रूप में अमर अग्रवाल ने अपनी पहचान बनाई है। केंद्रीय वित्त मंत्री कहते हैं सबसे प्रभावी सुझाव अमर अग्रवाल ने ही दिया। सीएम ने कहा- अलग-अलग राजनीतिक दलों ने एकजुट होकर लोकसभा और राज्यसभा में जीएसटी बिल का समर्थन किया है। देश को मजबूत करने की पहल है। लोकतंत्र मजबूत होगा।


मुख्यमंत्री ने कहा कि चाणक्य ने देश को 16 जनपदों की व्यवस्था बनाई थी। जीएसटी को आज हम चाणक्य की विचारधारा से जोड़ सकते हैं। सरदार वल्लभभाई पटेल ने भी देश को एक सूत्र में जोड़ा था आज जीएसटी के जरिये पूरे देश मे एकसमान कर प्रणाली लागू हो जाएगी।
डॉ रमन सिंह ने कहा कि केलकर समिति के गठन के बाद से जीएसटी लागू करने की चर्चा शुरू हुई थी, मोदी जी की सरकार आने के बाद जीएसटी के काम मे तेजी आई।
वन नेशन, वन एक्सपिरेशन और वन डिटरमिनेशन के नारे के साथ नरेंद्र मोदी काम काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि देश की आजादी की 75वी वर्षगाँठ का पर्व मनाएंगे तो जीएसटी को याद करेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जीएसटी लागू होने से तत्काल प्रभाव पड़ेगा। नाको से मुक्ति हो जाएगी। शुल्क पटाने में अलग-अलग फॉर्म भरने से मुक्ति मिल जाएगी। परिवहन में 30 फीसदी वक़्त बचेगा और इससे 20 फीसदी कमाई बढ़ेगी। सीएसटी और प्रवेश कर समाप्त कर दिया जाएगा।

क्षतिपूर्ति को लेकर था विरोध?

मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह ने कहा कि – जीएसटी को लेकर हमारा विरोध कहीं नही था। हमने जीएसटी काउंसिल में जो शंका थी, उसे प्रमुखता से रखा था। हमारा सवाल था कि- राज्यों की क्षतिपूर्ति कैसे होगी? इसके लिए हमने मजबूती से अपनी बात रखी। चाहे यूपीए की सरकार रही या अब एनडीए की सरकार है। इस बात को मजबूती से रखा। ये मांग की कि- राज्यों को 5 साल तक क्षतिपूर्ति दी जाए। कानूनी तौर पर जब ये प्रावधान शामिल किया गया तो संतुष्टि हुई। मुख्यमंत्री ने कहा कि- जीएसटी लागू होने से जीडीपी में 2 फीसदी से ज्यादा की बढ़ोतरी होगी। एन्टी प्रोफेटिंग यूनिट से आम उपभोक्ताओं को लाभ मिलेगा। इधर नेता प्रतिपक्ष टी एस सिंहदेव ने कहा कि जीएसटी से अधिकतम 55 फीसदी तक कर लगने की सभावना है। कर लगाने के संवैधानिक अधिकार को छिनकर जीएसटी परिषद को दे दिया गया।