वीरेंद्र गहवई, बिलासपुर। अटल बिहारी वाजपेयी विश्वविद्यालय में गुरुवार को उस वक्त हंगामा मच गया जब NSUI नेता लक्की सुशांक मिश्रा और कुलसचिव तारनिष गौतम के बीच तीखी नोकझोंक हो गई। दोनों के बीच हुई नोकझोंक का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। बताया जा रहा है कि यूनिवर्सिटी प्रबंधन के द्वारा शुल्क लेकर प्रवेश देने के बाद छात्रों को टीसी लौटाने पर यह पूरा विवाद हुआ।

जानकारी के अनुसार, विश्वविद्यालय प्रशासन ने कई छात्रों से शुल्क लेकर प्रवेश (Admission) दिया और उन्हें आंतरिक परीक्षा (Internal Exam) में शामिल होने की अनुमति भी दी। लेकिन अब अचानक उन्हीं छात्रों को यह कहकर ट्रांसफर सर्टिफिकेट (T.C.) थमा दिया गया कि उनका पोर्टल पर पंजीयन (Registration) नहीं हो पाया है। इनमें से एक छात्रा को माइक्रोबायोलॉजी विषय में प्रवेश भी दे दिया गया था, लेकिन बाद में उसका टीसी थमाने का काम किया गया।

गौरतलब है कि पंजीयन कराना स्वयं विश्वविद्यालय प्रशासन की जिम्मेदारी थी, फिर भी उसकी गलती का खामियाजा निर्दोष छात्रों को भुगतना पड़ा। जब छात्रों ने इस अन्याय के खिलाफ आवाज उठाई, तो प्रशासन ने उन पर दबाव बनाया और उन्हें धमकाने तक की कोशिश की।

इस पूरे मामले से छात्रों में भारी आक्रोश फैल गया। NSUI छत्तीसगढ़ प्रदेश उपाध्यक्ष लक्की मिश्रा ने तत्काल छात्रों के साथ विश्वविद्यालय पहुंचकर कुलसचिव और अन्य अधिकारियों से तीखी बहस की और जवाब-तलब किया। उन्होंने छात्रों की समस्या को गंभीरता से उठाते हुए कहा कि विश्वविद्यालय प्रशासन की गलती का खामियाज़ा किसी भी छात्र को नहीं भुगतना पड़ेगा। NSUI हर छात्र के साथ खड़ी है और जब तक सभी प्रभावित छात्रों को उनका वैध प्रवेश नहीं मिल जाता, यह लड़ाई जारी रहेगी।

लक्की मिश्रा ने यह भी स्पष्ट कहा कि यदि विश्वविद्यालय प्रशासन ने जल्द ही छात्रों को पुनः प्रवेश नहीं दिया, तो NSUI उग्र आंदोलन करेगी। उनके इस सख्त रुख और हस्तक्षेप के बाद विश्वविद्यालय प्रशासन ने मामले को संज्ञान में लेते हुए जांच शुरू करने और छात्रों के प्रवेश बहाल करने का आश्वासन दिया है।

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