रायपुर। हसदेव बांगो डेम कोरबा से अचानक पानी छोडने के कारण कलमा बैराज में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गई जिसके कारण पहले से कुछ गांव वाले, जो वहां स्नान कर रहे थे। वे उस बाढ़ में फंस गए। उन्हें बचाने के लिए तत्काल गांव वालों के द्वारा प्रयास किया गया तथा इसकी सूचना पुलिस नियंत्रण कक्ष को दी गई एवं पुलिस द्वारा एनडीआरएफ, एसडीआरएफ को सूचित किया। एनडीआरएफ तत्काल घटना स्थल पर पहुंची, बचाव कार्य प्रारंभ किया  एवं गांव वालों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया।

यह परिदृश्य बाढ़ राहत एवं बचाव के मेगा मॉक ड्रिल का है, जो एनडीआरएफ के असिस्टेन्ट कमांडेट जी.एस.पटेल और टीम कमांडेट एनडीआरएफ (राष्ट्रीय आपदा मोचन बल) विश्वनाथ चौधरी के नेतृत्व में रायगढ़ के कलमा बैराज में आज सुबह बाढ़ राहत एवं बचाव कार्य के संयुक्त अभ्यास (मेगा मॉक ड्रिल) के माध्यम से किया गया।

मॉक ड्रिल के उपरान्त असिस्टेन्ट कमांडेट ने कहा कि आज के बदलते परिवेश में बाढ़ की स्थिति से निपटना एक अत्यंत चुनौतीपूर्ण कार्य है। यह और भी महत्वपूर्ण हो जाता है जब वैश्विक मौसम परिवर्तन के कारण अनियंत्रित वर्षा, सुखा जो मौसम पूर्वानुमान को भी प्रभावित करता है। बाढ़ आपदा से निपटने वाली विभिन्न इकाईयों की तैयारी का जायजा लेने हेतु संयुक्त अभ्यास कराया गया। जिसमें तैयारी, मोचन समन्वय को बेहतर बनाने की दिशा में यह एक कारगर कदम है। इस अभ्यास के दौरान एनडीआरएफ के साथ समस्त मोचन बलों को बाढ़ राहत एवं बचाव कार्य से संबंधित एसओपी को मानसून आगमन से पहले जांच करने के लिए विभिन्न इकाईयों के बीच यह अभ्यास आज जिले में कराया गया।

असिस्टेन्ट कमांडेट ने कहा कि पुलिस, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, नगर सेना व अन्य बचाव दलों द्वारा डीप डाइविंग उपकरणों एवं बाढ़ राहत बचाव उपकरणों की मदद से लोगों को किनारे तक लाया जाता है। प्राथमिक उपचार के बाद उच्च चिकित्सा जांच हेतु अस्पताल भेजा जाता है। इस संयुक्त अभ्यास में एनडीआरएफ (राष्ट्रीय आपदा मोचन बल), एसडीआरएफ (आपदा मोचन बल), स्थानीय पुलिस, नगर सेना एवं अन्य इकाईयों ने भाग लिया। इस अवसर पर जिला प्रशासन के अधिकारी भी उपस्थित थे।