आशीष तिवारी,चित्रकोट(बस्तर)- राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के छत्तीसगढ़ प्रवास के पहले दिन प्रशासन के आला अधिकारियों को स्थानीय जनप्रतिनिधियों की नाराजगी का सामना करना पड़ा. दरअसल राष्ट्रपति के चित्रकोट आगमन पर उनके स्वागत के लिये जो सूची तैयार की गई थी,उसमें केवल 6 जनप्रतिनिधियों के नाम शामिल किये गये थे. चित्रकोट में मौजूद जनप्रतिनिधियों के मुताबिक  इस सूची में वन मंत्री महेश गागड़ा, जगदलपुर के विधायक संतोष बाफना और कोंडागांव के विधायक मोहन मरकाम सहित कई जनप्रतिनिधियों के नाम शामिल नहीं किये गये थे.

हेलीपेड में राष्ट्रपति के आगमन के कुछ ही समय पहले जब जनप्रतिनिधियों ने स्वागत करने वालों की सूची पर नजर ड़ाला,तो वे हैरान रह गये. वन मंत्री महेश गागड़ा ने इस पर बस्तर कमिश्नर दिलीप वासनिकर को तलब किया और उनसे इस बात पर नाराजगी जाहिर की कि जनप्रतिनिधियों के साथ उपेक्षापूर्ण व्यवहार क्यों किया जा रहा है. मंत्री जी की नाराजगी के बाद कमिश्नर दिलीप वासनिकर ने कलेक्टर धनंजय देवांगन को बुलाया और स्वागत सूची में छूटे हुए जनप्रतिनिधियों का नाम जुड़वाने कहा. कलेक्टर ने जब सूची में संशोधन कर सुरक्षा में तैनात पुलिस अधिकारियों के पास भिजवाया,तो पुलिस अधिकारियों ने संशोधित सूची को मानने से यह कहते हुए इंकार कर दिया कि पुलिस अधीक्षक की बिना अनुमति के वे इस संशोधित सूची को नहीं मानेंगे.

प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक पुलिस अधिकारियों की इस बात पर कलेक्टर धनंजय देवांगन भड़क गये और उन्होनें पुलिस अधिकारियों को तल्ख शब्दों में कहा कि जिला दंडाधिकारी मैं हूं या एस.पी. कलेक्टर की इस नाराजगी के बाद पुलिस अधिकारी सकते में आ गये. इसी बीच कलेक्टर धनंजय देवांगन ने मोर्चा संभाला और एक-एक करके जनप्रतिनिधियों को राष्ट्रपति के स्वागत के लिये हेलीपैड के अंदर भेजा.जगदलपुर के विधायक संतोष बाफना जब हेलीपेड पहुंचे तो कलेक्टर जनप्रतिनिधियों को साथ लेकर अंदर जा चुके थे और ऐसे में एक बार फिर पुलिस अधिकारियों ने संतोष बाफना को अंदर जाने से रोक दिया.ऐसी स्थिति से नाराज बाफना हेलीपेड से लौटकर सर्किट हाउस चले गये.