रायपुर- केरल उच्च न्यायालय के सीनियर जस्टिस पी आर रामचंद्र मेनन छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के 13वें चीफ जस्टिस होंगे. कॉलेजियम की अनुंशसा के अनुसार सीजेआई रंजन गोगोई ने उसका तबादला आदेश जारी किया है. लोकपाल सदस्य बनने के बाद चीफ जस्टिस रहे अजय कुमार त्रिपाठी ने इस्तीफा दे दिया था. उनके इस्तीफा दिए जाने के बाद जस्टिस प्रशांत कुमार मिश्रा कार्यवाहक चीफ जस्टिस के रूप में कर्तव्य का निर्वहन कर रहे हैं.

1 जून 1959 को जन्में जस्टिस रामचंद्र मेनन ने एर्नाकुलम के गवर्नमेंट ला कालेज से डिग्री ली. इसके बाद 8 जनवरी 1983 को एक वकील के रूप में उनका नामांकन दर्ज हुआ. उन्होंने लेबर, इंश्योरेंस और कान्सिट्यूशनल ला के क्षेत्र में एर्नाकुलम में वकालत की. 5 जनवरी 2009 को केरल उच्च न्यायालय में एडिशनल जज का दायित्व संभाला. केरल उच्च न्यायालय ने 15 दिसंबर 2010 को उन्हें नियमित जज के रूप में नियुक्त किया था.

छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के चीफ जस्टिस बनाए गए पी आर रामचंद्र मेनन बहुचर्चित सबरीमाला मंदिर विवाद से जुड़ी याचिकाओं की सुनवाई में अहम भूमिका में रहे हैं. सबरीमाला मंदिर विवाद से जुड़ी कई याचिकाओं को केरल हाईकोर्ट के वरिष्ठ जस्टिस रहते हुए पी आर रामचंद्र मेनन और जस्टिस एन अनिल कुमार की खंडपीठ ने स्वीकार किया था. अपने एक अहम फैसले में उन्होंने आदेश दिया था कि मंदिर परिसर में किसी भी तरह का प्रदर्शन नहीं होना चाहिए. यह स्थल ऐसी गतिविधियों के लिए नहीं है. हर हाल में मंदिर परिसर में सीआरपीसी की धारा 144 को प्रभावी ढंग से लागू किए जाने का आदेश भी दिया गया था. खंडपीठ ने महिलाओं, बच्चों और दिव्यांगों को मंदिर परिसर में कुछ देर रूकने की अनुमति भी दी थी.