रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा में बजट सत्र का आगाज 8 फरवरी से हो रहा है. बजट सत्र में बजट पेश होने के बाद दो दिनों तक 9 और 10 फरवरी को नए विधायकों के लिए पाठशाला लगेगी. इस पाठशाला में विधायकों को संसदीय कार्यप्रणाली के बारे में विस्तार से समझाया जाएगा.

नए विधायकों के लिए इस तरह रहेगा प्रबोधन कार्यक्रम

9 फरवरी को पहले दिन कार्यक्रम की शुरुआत ग्रामीण विकास में विधायकों की भूमिका पर बातचीत से होगी. एकता परिषद के संस्थापक राजगोपाल पी.व्ही. इस पर नए विधायकों को संबोधित करेंगे.
इसके बाद दूसरे सत्र में  विधायक, विधायिका से आम जन की अपेक्षा विषय पर उत्तराखण्ड विधानसभा में विधायक मनोज रावत जानकारी देंगे.
वहीं तीसरे सत्र में विशेषाधिकार और उन्मुक्तियां, सदस्यों का सभा के अंदर एवं सभा के बाहर आचरण तथा शिष्टाचार विषय पर उत्तराखण्ड विधानसभा सचिव जगदीश चंद्र अपनी बात रखेंगे.
जबकि चौथे सत्र में ध्यानाकर्षण, सूचना, स्थगन प्रस्ताव एवं लोकमहत्व के विषय पर चर्चा पर भाजपा के वरिष्ठ विधायक बृजमोहन अग्रवाल अपना उद्बोधन देंगे.

वहीं 10 फरवरी को दूसरे दिन के पहले सत्र का आगाज आय व्ययक, अनुदान की मांगों पर चर्चा, कटौती प्रस्ताव, लेखानुदान, अनुपूरक अनुदान एवं आय व्ययक का पारण विषय पर अपर मुख्य सचिव अमिताभ जैन विधायकों को संबोधित करेंगे.
दूसरे सत्र में विधायी कार्य, विधेयकों के पारण की प्रकिया, चर्चा अध्यादेश आदि विषय पर संसदीय कार्यमंत्री रविन्द्र चौबे अपनी बात रखेंगे.
तीसरे सत्र में विधानसभा की समितियां एवं अशासकीय कार्य पर वरिष्ठ भाजपा विधायक अजय चंद्राकर जानकारी देंगे.
चौथे और समापन सत्र में प्रभावी विधायक कैसे बने? इस विषय पर पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह अपना उद्बोधन देंगे.

6 फरवरी तक विधानसभा में प्राप्त आंकड़ों के मुताबिक इस सत्र में कुल 1826 प्रश्न पूछे जाएंगे, जिसमें तारांकित प्रश्नों की कुल संख्या 1003 और अतारांकित प्रश्नों की कुल संख्या 823 होगी. इसके अलावा 66 ध्यानाकर्षण प्रस्ताव लाए जाएंगे, सत्र के दौरान 32 स्थगन प्रस्ताव लाए जाएंगे जिन पर चर्चाएं होगी. इसके साथ ही नियम 139 के तहत अविलंबनीय लोक महत्व के विषय पर चर्चा के लिए 1 सूचना आई हैं. अशासकीय संकल्प की 11 सूचनाएं एवं शून्यकाल की 4 सूचनाएं विधानसभा को प्राप्त हुई है.

11 एवं 12 फरवरी 2019 को वित्तीय वर्ष 2019-20 के आय-व्यय पर सामान्य चर्चाएं होगी. वहीं 13 फरवरी 2019 से 4 मार्च 2019 तक विभागवार अनुदान पर चर्चा की जाएगी. इसके साथ ही 6 मार्च 2019 को विनियोग विधेयक का पुरःस्थापन होगा. 7 मार्च का दिन विनियोग विधेयक पर विचार, चर्चा एवं पारण के लिए निर्धारित है.