वीरेन्द्र गहवई, बिलासपुर. न्यायधानी बिलासपुर के जिला सहकारी केंद्रीय बैंक में कथित कर्मचारी भर्ती घोटाला मामले में हाईकोर्ट ने साल 2014 में कर्मचारियों की सेवा समाप्त करने का फैसला सुनाया था. आज लगभग 10 साल बाद हाईकोर्ट ने अपने पुराने आदेश को निरस्त कर कर्मचारियों की सेवा बहाली के निर्देश दिए. आदेश के बाद कर्मचारियों ने हाईकोर्ट में कार्रवाई को चुनौती देते हुए याचिका दायर की थी.

दरअसल, जिला सहकारी केंद्रीय बैंक ने 14 जून 2014 को विभिन्न पद हेतु विज्ञापन जारी किया गया था। याचिकाकर्ता पंकज कुमार तिवारी और अन्य ने समिति प्रबंधक के पद पर आवेदन प्रस्तुत किया गया था. सभी प्रक्रिया पूरी करने के बाद पंकज कुमार तिवारी और अन्य की नियुक्ति संस्था प्रबंधक के पद पर 14 फरवरी 2015 को हुई. जिसके आधार पर 13 मार्च 2015 को अपना कार्यभार ग्रहण किया. सहकारी बैंक की सभी भर्ती प्रक्रिया में शिकायत होने पर जांच समिति की गठन हुई थी. जांच प्रतिवेदन के आधार पर पंकज और 29 अन्य की सेवा समाप्ति का आदेश 23 नवंबर 2015 को जारी कर दिया गया, जिसे लेकर उन्होंने हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी.
कोर्ट ने सभी पक्षों को सुनने के बाद पंकज कुमार तिवारी, मोहम्मद इमरान खान, चंदन प्रताप सिंह, सीमा देवांगन, चंचल कुमार दुबे, चंद्रशेखर कुर्रे, लेखा कश्यप, भूपेंद्र राठौर, नरेंद्र कुमार मिश्रा, अमित पटेल और अन्य याचिकाकर्ताओं की याचिकाएं स्वीकार कीं. साथ ही, जिला सहकारी केंद्रीय बैंक बिलासपुर की कार्रवाई को निरस्त कर सभी को सेवा में बहाल करने का निर्देश दिया.
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