नई दिल्ली। क्या वाकई में जीएसटी आधी अधूरी तैयारियों के बीच लागू किया जा रहा है। कम से कम जीएसटी नेटवर्क के चेयरमैन की बात से ऐसा ही लगता है। जीएसटी 1 जुलाई से पूरे देश में लागू होना है। जीएसटी नेटवर्क के चेयरमैन नवीन कुमार ने कहा है कि इसके लिए ज़रूरी आईटी सॉफ्टवेयर नेटवर्क 15 जुलाई तक ही पूरी तरह से तैयार हो पाएगा और नई व्यवस्था को स्थिर होने में तीन से चार महीने लगेंगे। 

जीएसटीएन चीफ के मुताबिक 80 लाख करदाता है।  देशभर में जिनको जीएसटी की नई व्यवस्था में शामिल किया जाना है इसमें से 66 लाख अब तक अपना नामांकन करा चुके हैं। 14 लाख ने अभी तक रजिस्ट्रेशन भी नहीं किया है।जबकि एक जुलाई से जीएसटी लागू हो जाएगा. 

 
जीएसटी नेटवर्क देश में सही तरीके से 15 जुलाई से ही लागू हो पाएगा. जीएसटी लागू करने के लिए जिम्मेदार तकनीकी व्यवस्था जीएसटीएन के चेयरमैन नवीन कुमार ने कहा है 

जीएसटीआर- 1            15 जुलाई तक 

जीएसटीआर- 2             जुलाई के अंत तक 

जीएसटीआर- 3              उसके दस दिन बाद

एक जुलाई से व्यवस्था चरणबद्ध तरीके से लागू की जाएगी.  
साफ है एक जुलाई से जब जीएसटी को लागू किया जाएगा तक तक जीएसटीएन पूरी तरह से तैयार नहीं होगा. जबकि एसोचैम को सबसे ज़्यादा चिंता इसी नेटवर्क की है. एसोचैम के सेक्रेटरी जनरल डीएस रावत ने कहा, “जीएसटीएन चीफ बार-बार संकेत दे रहे हैं कि देरी हो सकती है. ऐसा हुआ तो एक जुलाई से लागू करने की तैयारी को धक्का लग सकता है.” 

नीति आयोग के अधिकारी और अर्थशास्त्री टी हक कहते हैं कि जब तक सिस्टम नहीं बनेगा तब तक मक़सद पूरा नहीं होगा. टी हक ने कहा कि लोगों की तरफ से कई तरह की शिकायतें आ रही हैं. जीएसटी के पीछे मुख्य सोच टैक्स व्यवस्था को पारदर्शी बनाना है जिससे भ्रष्टाचार रूके. अगर वो समय पर सही तरीके से तैयार नहीं हो पाएगा तो फिर जीएसटी लागू करने का मकसद सही तरीके से पूरा नहीं हो पाएगा.