
रायपुर. नेता प्रतिपक्ष टीएस सिंहदेव ने ट्वीट करके यहां की शासन व्यवस्था को म्यूट शासन की संज्ञा दी है. उन्होंने ट्वीटर पर जीरम घाटी मामले में आयोग के सामने मुख्यमंत्री डॉक्टर रमन सिंह को बतौर गवाह पेश किए जाने के मांग पर बीजेपी के सोनिया और मनमोहन को गवाही देने के लिए बुलाने की बात पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए सरकार पर हमला बोला है. टीएस ने कहा कि सीएम रमन सिंह ने पीएम मोदी से सीख लिया है कि महत्वपूर्ण मसलों पर कैसे मौनव्रत धारण किया जाता है. टीएस ने कहा कि झीरम में हुई सुरक्षा में चूक बार-बार सरकार से जवाब मांग रही है.
टीएस ने इसके साथ एक खबर भी पोस्ट की है जिसमें कांग्रेस और बीजेपी के बीच इस मसले पर हो रहे ट्वीटर वार का जिक्र है. गौतलब है कि न्यायिक आयोग के सामने कांग्रेस ने मामले में तात्कालीन केंद्रीय गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे, तात्कालीन केंद्रीय गृहराज्यमंत्री आरपीएन सिंह और मुख्यमंत्री डॉक्टर रमन सिंह को गवाह के तौर पर बुलाने की मांग रखी थी. कांग्रेस की दलील है कि ऐसा पहले कई मामलों में हो चुका है जब प्रधानमंत्री ने भी आयोग के सामने आकर गवाही दी है. कांग्रेस का कहना है कि चूंकि रमन सिंह प्रदेश के यूनिफाइड कमांड के मुखिया थे लिहाज़ा उन्हें आयोग के सामने पेश होना चाहिए.
कांग्रेस की इस मांग पर बीजेपी ने एक पोस्टर जारी किया. जिसमें उसने गवाही के लिए यूपीए चेयरपर्सन सोनिया गांधी और तात्कालीन प्रधानमंत्री डॉक्टर मनमोहन सिंह को पेश करने की मांग की है. इसी के जवाब में टीएस ने ये पोस्ट किया है.
CM @drramansingh seems to be taking lessons from PM Modi's observance of the Vow of Silence on issues of administrative importance,but Chhattisgarh is done with this mute governance!Tragic state security debacles like Jeerum Violence,are now demanding answers beyond this silence! pic.twitter.com/Zi9jDIeIn4
— T S Singhdeo (@TS_SinghDeo) February 21, 2018