हेमंत शर्मा, रायपुर. आज अचानक कुछ कांग्रेसी कार्यकर्ता कोटा स्थित नवनिर्मित अंडरब्रिज में भरे पानी में कूद गये. इन्हें देखने वहां लोगों का हुजूम जमा हो गया. बाद में इन कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने वहां डूब रहे ‘ईमानदारी’ को पानी से बाहर निकाला. जिसे कांग्रेसी कार्यकर्ताओं द्वारा पानी में डूबने से बचाया गया, वह डूबने वाला कोई और नही बल्कि ‘ईमानदारी’ नाम का पुतला था.

बता दें कि कांग्रेस द्वारा यह पूरा कार्यक्रम कोटा नवनिर्मित अंडरब्रिज में 15—20 फिट पानी भर जाने के विरोध में किया गया था. इस विरोध के माध्यम से कांग्रेस सरकार को बताना चाह रही थी कि आज कमीशन और भ्रष्टाचार के कारण सच्चाई और ईमानदारी डूब रही है. और डूबती हुई इस ईमानदारी को कांग्रेस द्वारा बचाने का प्रयास किया जा रहा है.

इस दौरान शहर जिला कांग्रेस कमेटी के पूर्व अध्यक्ष विकास उपाध्याय ने बताया कि शुक्र है ये एक पुतला था, यदि इसके जगह कोई जीता जागता इंसान होता, तो कितना बड़ा हादसा हो सकता था. यहां सुरक्षा नाम की कोई चीज नही है. इस पुल के चारो तरफ रिहायशी इलाका है, छोटे छोटे बच्चे खेलते रहते है. सरकार द्वारा इस अंडरब्रिज को खुला छोड़ दिया गया है. जो बड़े हादसे को आमंत्रण दे रहा है.

विकास का आरोप है कि जहां इस ​अंडरब्रिज का निर्माण कराया गया है, वहां से पीडब्ल्यूडी मंत्री राजेश मूणत विधायक हैं. और उनके द्वारा आवश्कता न होते हुए भी इस अंडरब्रिज का निर्माण कराया गया है. जबकि रेलवे के नियम के तहत साफ और स्पष्ट अक्षरों में लिखा हुआ है, कि एक ही जगह पर ओवरब्रिज और अंडरब्रिज का निर्माण नहीं कराया जा सकता है. विकास ने पूछा है कि किस नियम के तहत पीडब्ल्यूडी मंत्री द्वारा ओवरब्रिज के नीचे अंडरब्रिज का निर्माण कराया जा रहा है. इसमें सिर्फ और सिर्फ भ्रष्टाचार और कमीशन का खेल खेला जा रहा है. ​विकास ने कहा की इस अंडरब्रिज की जरूरत सरस्वती नगर के आसपास थी क्योकि वहां आवागमन ज्यादा होता है.