रायपुर- किसानों की आत्महत्या के जिस मुद्दे को लेकर आज पूरे दिन छत्तीसगढ़ विधानसभा उबलता रहा उस मुद्दे पर सूबे के मुखिया डॉ. रमन सिंह ने कहा है कि- प्रदेश में कोई भी आत्महत्या करता है, तो उसे किसान के रूप में चिन्हांकित करने की कोशिश की जा रही है. 

मुख्यमंत्री ने कहा कि- मैं यह नहीं कहता कि किसान आत्महत्या नहीं करता, लेकिन आत्महत्या करने की वजह घरेलू भी हो सकती हैं. दूसरी वजहों से भी किसान आत्महत्या करते हैं. हर आत्महत्या को राजनैतिक रंग देना उचित नहीं है…डॉ. रमन सिंह ने कहा कि ऐसा नही है कि सरकार को किसानों की आत्महत्या को लेकर चिंता नहीं है.

सरकार के ध्यान में यदि ऐसा कोई विषय आता है, तो उसका परीक्षण किया जाता है.

मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने ये बातें सदन के बाहर चर्चा के दौरान कहीं. उन्होंने कहा कि प्रदेश की ढाई करोड़ आबादी में से ढाई लाख सरकारी कर्मचारी- अधिकारियों को छोड़ दें, तो हर कोई किसान है. किसान बिरादरी से ताल्लुक रखता है. किसानी ही हर किसी की बुनियाद में है.

मुख्यमंत्री ने कहा कि- छत्तीसगढ़ में किसानों की आर्थिक स्थिति की बेहतरी के लिए सरकार ने कई योजनाएं शुरू की है. किसानों की लागत बढ़ाने सरकार गंभीर है. बीज-खाद्य की उपलब्धता, 7 हजार यूनिट तक मुफ्त बिजली में ही हजारों करोड़ रुपये का लाभ किसानों को मिल रहा है. कृषि ऋण जीरो परसेंट पर दिया जा रहा है. 
सरकार ने तय किया है कि अकालग्रस्त क्षेत्रों में 1500 यूनिट अतिरिक्त बिजली दी जाएगी. इसके लिए 250-300 करोड़ की अतिरिक्त लागत आ रही है. किसानों से 11 हजार करोड़ रुपये के धान की खरीदी सरकार कर रही है. देश मे छत्तीसगढ़ इकलौता राज्य है, जहां किसानों से ना केवल समय पर धान खरीदी जाती है, बल्कि समय पर उसका भुगतान भी किया जाता है.

मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने कहा – प्रधानमंत्री कृषि बीमा योजना से किसानों का बड़ा लाभ मिल रहा है. मिनिमम प्रीमियम पर मैक्सिमम प्रॉफिट किसानों को मिल रहा है. 

मुख्यमंत्री ने कहा- छत्तीसगढ़ सरकार किसानों के आर्थिक स्वालंबन की दिशा में तेजी से काम कर रही है.