अंकुर तिवारी, छग/बिहार। पटना और झारखंड पुलिस की संयुक्त टीम ने सबसे बड़े नक्सल संगठन एमसीसीआइ (माओवादी कम्युनिस्ट सेंटर ऑफ इंडिया) के सेकेंड इन कमांडर सुबोध कुमार सिंह को कंकड़बाग थाना क्षेत्र से गिरफ्तार कर लिया। झारखंड में एमसीसीआइ के मुख्य नेता अरविंद जी की मौत के बाद उसका छोटा भाई सुबोध ही संगठन का संचालन कर रहा था। मूलरूप से जहानाबाद जिले के सिकरिया गांव का रहने वाला सुबोध कंकड़बाग की भोजपुर कॉलोनी स्थित शैलेंद्र कुमार द्विवेदी के मकान में पहचान छुपाकर किराए पर रह रहा था। पटना के एसएसपी मनु महाराज ने गिरफ्तारी की पुष्टि की है।
रीढ़ की हड्डी में आई थी चोट
झारखंड के चाईबासा जिले के गोलतेरा पहाड़ी जंगल में 11 मई को स्थानीय पुलिस ने सीआरपीएफ के सहयोग से नक्सलियों के खिलाफ ऑपरेशन चलाया था। पुलिस एमसीसीआइ की मांद में घुस गई थी। इस दौरान नक्सलियों में हड़कंप मच गया था। भागने के चक्कर में सुबोध पहाड़ से नीचे गिर गया था। इसकी वजह से उसकी रीढ़ की हड्डी में गंभीर चोटें आई थीं। घायल होने पर उसके संगठन के सभी साथी पटना के कंकड़बाग स्थित डॉक्टर्स कॉलोनी में ही इलाज कराते थे क्योंकि यहां उसके बड़े भाई अरविंद जी का मकान है।
दस दिन से घूम रही थी झारखंड पुलिस
झारखंड के गढ़वा और लातेहार जिलों की पुलिस टीम को गुप्त सूचना मिली थी कि कंकड़बाग की डॉक्टर्स कॉलोनी में सुबोध इलाज करवा रहा है। कंकड़बाग पुलिस के सहयोग से वहां की टीम हरेक अस्पताल, फिजियोथेरेपी सेंटर और जांचघर में सुबोध की तस्वीर लेकर दस दिन से घूम रही थी। इस बीच एक हड्डी अस्पताल के कंपाउंडर ने फोटो को पहचान लिया। डॉक्टर के पर्चे से सुबोध के ठिकाने का पता चला।
2009 में हुआ था गिरफ्तार
सुबोध को अक्टूबर, 2009 में पटना पुलिस के तत्कालीन कप्तान विनीत विनायक और तत्कालीन सिटी एसपी मनु महाराज की टीम ने अगमकुआं थाना क्षेत्र के बहादुरपुर इलाके से गिरफ्तार किया था। उसकी निशानदेही पर राजीवनगर से कार बरामद की गई थी। इसमें भारी मात्रा में आरडीएक्स भरा था। झारखंड पुलिस उस वक्त भी उसे रिमांड पर लेकर गई थी। वहां की पुलिस को उसकी सूचना पर रांची से बड़ी संख्या में हथियार और गोला-बारूद मिले थे। जेल से निकलने के बाद सुबोध विभिन्न जंगलों में रह रहा था।