रवि गोयल / ज्ञान खरे जांजगीर-चांपा। थाना के भीतर एक युवक की पिटाई से मौत के मामले में जांजगीर-चांपा की फास्ट ट्रैक कोर्ट ने थाना प्रभारी सहित 3 आरक्षकों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. मामला 16 सितंबर 2016 का है. मुलमुला थाना क्षेत्र के ग्राम नरियरा में बिजली समस्या को लेकर ग्रामीणों ने विद्युत विभाग का घेराव कर दिया था और वहां जमकर प्रदर्शन कर रहे थे. विद्युत विभाग के कर्मचारियों ने मुलमुला पुलिस को इसकी सूचना दी.
मौके पर पहुंची पुलिस ने प्रदर्शन कर रहे ग्रामीण सतीश नोरगे को हिरासत में ले लिया. थाना में ग्रामीण की जमकर पिटाई की गई. पिटाई की वजह से अगले दिन 17 सितंबर को उसकी थाना में ही मौत हो गई. मृतक के शव का पामगढ़ के हास्पिटल में पोस्टमार्टम के लिए ले जाया गया. जहां परिजनों ने जांच की मांग करते हुए दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की.
11 दिसम्बर 2016 को मुलमुला थाने में ही मुलमुला थाना प्रभारी जितेंद्र राजपूत दो आरक्षक सुनील ध्रुव, दिलहरण मिरी व एक नगर सैनिक राजेश कुमार के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया गया. पीएम रिपोर्ट और जांच में पाया गया कि मृतक सतीश नोरगे की मौत पुलिस अभिरक्षा में हुई पिटाई की वजह से हुई थी. थाना के भीतर पिटाई के बाद मौत होने के इस गंभीर मामले को देखते हुए इसका ट्रायल फास्ट ट्रैक कोर्ट में शुरु हुआ. लगभग डेढ़ साल तक चले इस मामले में न्यायालय ने आरोपी तत्कालीन थाना प्रभारी जितेन्द्र राजपूत, आरक्षक सुनील ध्रुव, दिलहरण मिरी और नगर सैनिक राजेश कुमार को दोषी पाया और सभी आरोपियों को विशेष न्यायाधीश नीता यादव (एससी एसटी एक्ट) की अदालत ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई.