रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव को लेकर जहां मतदाताओं में खामोशी है वहीं लोगों को बेसब्री से इंतजार है मतदान और उसके बाद परिणाम का. लेकिन इन सबके बीच बुधवार को रेणु जोगी के राजनीतिक भविष्य के सस्पेंस को लेकर चर्चा जोरों गरमाई हुई है. वहीं आखिर भाजपा ने तलाश लिया रायपुर का उत्तर तो अंबिकापुर से सिंहदेव की गर्जना राजधानी तक सुनाई दी. जबकि अकबर की सादगी ने चुनाव के पहले जीता कवर्धा वासियों का दिल. देखिए आज की प्रमुख राजनीतिक हलचलें-

सस्पेंस से उठेगा पर्दा

छत्तीसगढ़ राजनीति में इन दिनों सबकी नजर एक नाम पर जा टिकी है. वह नाम रेणु जोगी.  रेणु जोगी को टिकट मिलेगी या नहीं, रेणु जोगी कोटा से लड़ेंगी या नहीं, रेणु जोगी कांग्रेस में रहेगी या नहीं, रेणु जोगी कहीं अजीत जोगी की पार्टी में नहीं चले जाएंगे, रेणु जोगी कहीं जनता कांग्रेस से चुनाव तो नहीं लड़ेगी ? ऐसे ढेर सारे सवाल रेणु जोगी को लेकर सियासी गलियारे में चर्चा का विषय बना हुआ है. इन तमाम सवालों का जवाब न तो रेणु जोगी के पास है और न ही रेणु जोगी के परिवार वालों के पास. चाहे अजीत जोगी हो या अमित या ऋचा जोगी किसी के पास रेणु जोगी पर कायम संस्पेंस को खत्म कर देने वाला जवाब नहीं है.

भाजपा से हुए बागी तो हाथी की मिली सवारी

विधानसभा चुनाव में टिकट नहीं मिलने से नाराज भाजपा नेता संपत अग्रवाल ने बुधवार को बसना विधानसभा सीट से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में नामांकन भरा. इस मौके पर चर्चा में उन्होंने कहा कि बसना विधानसभा चुनाव में बाहरी बनाम स्थानीय प्रत्याशी चुनावी मुद्दा बनेगा. नामांकन भरने से पहले बसना नगर पंचायत के अध्यक्ष सम्पत अग्रवाल गढ़फुलझर स्थित फुलझर अंचल के कोलता समाज की कुलदेवी श्रीश्रीश्री राणेश्वर रामचण्डी मंदिर में जाकर पूजा-अर्चना की. इसके बाद समर्थकों के साथ निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर नामांकन फार्म जमा करने जिला मुख्यालय महासमुंद के लिए रवाना हुए. इसके पहले मंगलवार को बसना विधानसभा के 324 गांव से आए हजारों ग्रामीणों की संपत अग्रवाल के निवास में बैठक हुई, जिसमें संपत अग्रवाल के ऐलान किया कि भाजपा को बसना विधानसभा से बाहरी व्यक्ति को टिकट देने का खामियाजा भुगतना पड़ेगा.

भाजपा ने तलाशा रायपुर का उत्तर

छत्तीसगढ़ में वर्ष 2018 का विधानसभा चुनाव कई मायनों में पूर्व के चुनावों से इतर है, इनमें एक बड़ी वजह मुख्यमंत्री, नेता प्रतिपक्ष, पूर्व नेता प्रतिपक्ष, पूर्व मुख्यमंत्री जैसे तमाम लोगों की हाई प्रोफाइल सीट की बजाए लोगों की निगाह रायपुर उत्तर विधानसभा सीट पर टिकी थी. इस सीट का महत्व आप इस बात से समझ सकते हैं कि 89 सीट पर प्रत्याशी घोषित करने के बाद भाजपा ने अब जाकर श्रीचंद सुंदरानी को अपना प्रत्याशी घोषित किया है. वर्तमान में रायपुर उत्तर विधानसभा क्षेत्र से भाजपा के श्रीचंद सुंदरानी विधायक हैं, लेकिन इस बार पेंच कुछ ऐसा फंसा कि भाजपा उन्हें इस बार भी दोहराने से पहले सोचने की नौबत आ गई. सिंधी समाज ने श्रीचंद सुंदरानी को दोहराए जाने की बात कहकर भाजपा आलाकमान की कश्मकश को और बढ़ा दिया था. आखिरकार भाजपा ने श्रीचंद सुंदरानी को ही फिर से दोहराने का फैसला लिया है.

टीएस सिंहदेव के नामांकन में उमड़ा जन सैलाब

कांग्रेस के नेता टीएस बाबा समेत सरगुजा में अन्य कांग्रेसी उम्मीदवारों ने नामांकन दाखिल किया. गाजे बाजे के साथ टीएस बाबा, अमरजीत भगत समेत अन्य उम्मीदवार पैदल चलते हुए कलेक्ट्रेड पहुंचे और नामाकंन दाखिल किया. इस दौरान लोगों का जन सैलाब उमड़ पड़ा. गौरतलब है कि आज नेता प्रतिपक्ष टीएस सिंहदेव का जन्मदिन है. इसी मौके पर उन्होंने सरगुजा के अन्य उम्मीदवारों के साथ नामांकन दाखिल किया. माना जा रहा है कि टीएस सिंहदेव ने अपनी ताकत का एहसास नामांकन रैली के साथ करा दिया. टीएस सिंहदेव को आज दिल्ली में राहुल गांधी के साथ बैठक में शामिल होना था. लेकिन उन्होंने नामांकन की वजह से इसमें जाने से इंकार कर दिया.

अकबर की सादगी

कवर्धा विधानसभा से कांग्रेस के प्रत्याशी मो. अकबर ने बुधवार को सादगीपूर्ण तरीके से नामांकन दाखिल किया. हाई प्रोफाइल सीट होने के बावजूद मो. अकबर ने न तो कोई रैली निकाली और न की कोई तामझाम किया. मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के अलावा उनके परिवार की मौजूदगी की वजह से कवर्धा प्रदेश के हाई प्रोफाइल सीटों में शुमार होता है. और ऐसे में प्रदेश के इस सीट पर कांग्रेस ने अपने कद्दावर नेता मो. अकबर को अपना प्रत्याशी बनाया है. नामांकन भरने के बाद मो. अकबर ने पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा कि जब भी मैं चुनाव लड़ता हूं, एक साथ फॉर्म भरता हूं, और ज्यादा से ज्यादा 10-12 कार्यकर्ता मेरे साथ मौजूद रहते हैं. मो. अकबर ने कहा कि मैं अपने जीवन में कभी रैली निकालकर नामांकन दाखिल नहीं किया हूं. पंडरिया विधानसभा के संबंध में पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा कि पंडरिया विधानसभा में दावेदार अधिक होने के कारण से लेट-लतीफी हो रही है. वैसे आला कमान ने पंडरिया विधानसभा के लिए आज उम्मीदवार तय कर देगी. इस बार कवर्धा और पंडरिया विधानसभा से कांग्रेस की जीत पक्की है.