रायपुर। पद्मश्री पं. श्यामलाल चतुर्वेदी के निधन के बाद शासन-प्रशासन ने ऐसा अपमान किया है जो तमाम माफी के बाद भी माफ करने योग्य नहीं है. क्योंकि यह अनजाने में नहीं बल्कि सबकुछ जानते हुई की गई बहुत बड़ी गलती है. इस सरकारी पत्र ने चतुर्वेदी जी के परिवार का न सिर्फ दिल दुःखाया है बल्कि उन्हें अपमानित करने का भी प्रयास किया है.
दरअसल सरकार और प्रशासन की ओर से दो पत्र पद्मश्री सम्मान पाने वाले पं. श्यामलाल चतुर्वेदी को सम्मान राशि देने का जारी हुआ. पहला पत्र 11 दिसंबर को राज्य शासन की ओर से बिलासपुर कमिश्नर को जारी हुआ है वहीं दूसरा पत्र 31 दिसंबर को जिला प्रशासन की ओर से तहसीलदार को. इस पत्र में जो लिखा गया है वह अत्यंत ही दुःखद और अपमानित करने वाला है. इस पत्र में कहा गया है कि सरकार की ओर से चतुर्वेदी जी को मासिक सम्मान राशि दिया जाएगा. इसके लिए उनके जीवित होने संबंधी प्रमाण-पत्र उपलब्ध कराए जाए.
सरकारी पत्र में लिखे गए इन शब्दों से पं. श्यामलाल जी के परिवार वाले ही नहीं बल्कि समूचा छत्तीसगढ़ अपमानित महसूस कर रहा है. चतुर्वेदी जी के बेटे सूर्यकांत चतुर्वेदी ने कहा है कि उनके पिता का निधन 7 दिसंबर 2018 को हुआ था. इस बात की जानकारी राज्य शासन और जिला प्रशासन को बहुत अच्छे तरीके से है. 7 दिसंबर को राज्य सरकार की ओर से शोक संदेश भी जारी हुआ था. जिला प्रशासन के अधिकारी भी अंतिम संस्कार में शामिल हुए थे. फिर इस तरह से सरकारी पत्र उनके लिए जारी होना अत्यंत पीड़ादायक है. यह दिवंगत पद्मश्री चतुर्वेदी जी का अपमान है…हम सबका अपमान है. जिन्हें देश के राष्ट्रपति के साथ पूरे देश ने सम्माति किया उन्हें इस तरह अपमानित करने का प्रयास प्रशासन न करे.
वैसे पूर्व में भी प्रशासन की ओर से दिवंगत चतुर्वेदी जी को अपमानित करने का काम कर ही चुका है. राजकीय सम्मान के साथ बाबूजी का अंतिम संस्कार क्यों नहीं किया गया यह सवाल अब भी बरकार है? जबकि पद्म पुरस्कार से सम्माति होने वाले विभूतियों का अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ से होता है. लेकिन अंतिम समय में सरकारी उपेक्षा सीधे तौर पर देखी गई. अब एक बार फिर इस तरह से सरकारी पत्र जारी कर और दुःखी न करे.
आपको बता दे कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने भी चतुर्वेदी जी के निधन पर गहरा शोक प्रकट करते हुए दिवंगत परिवार को पत्र भेजकर संवेदना प्रकट की है. वहीं छत्तीसगढ़ विधानसभा में मौजूदा शीतकालीन सत्र में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत सहित सभी सदस्यों ने श्रद्धांजलि दी है.