रायपुर। छत्तीसगढ़ कोरोना से उबरते- उबरते रह गया। दो ऐसे मौके आये जब लगा कि राज्य में कोरोना के मरीज़ खत्म हो जाएंगे तभी कोरबा और सूरजपुर में नए मामले सामने आ गए। लेकिन देश में पांच राज्य और केंद्र शासित प्रदेश ऐसे हैं जो कोरोना से उबर चुके हैं। जबकि सिक्किम और लक्षद्वीप दो ऐसे राज्य और केंद्र शासित प्रदेश ऐसे हैं जहां कोरोना पंहुचा ही नहीं। इसमें से सिक्किम उत्तर पूर्व का राज्य है जबकि लक्षदीप केरल से लगा है। इन राज्यों में कोरोना के देश के दूसरे राज्य के दस्तक देने से पहले ही सरकारी महकमा हरकत में आया और इस बीमारी के प्रवेश को रोकने कड़े इंतजाम किए गए।
सिक्किम अपनी मुस्तैदी और लोगों के नियमो का कड़ाई से पालन करने की आदत की वजह से कोरोना को रोकने में कामयाब रहा। जबकि यहां एक भी कोरोना जांच की लैब नहीं है।
राज्य की सीमाएं विस्तृत रूप से चीन से लगी हैं। जहां से कोरोना पूरी दुनिया में फैला है। इसे देखते हुए सरकार ने 27 जनवरी से ही राज्य के प्रवेश केंद्रों पर कोरोना जांच के लक्षण की जांच शुरू कर दी। जिन लोगों में कोरोना के लक्षण मिले, उन्हें अलग-थलग करने की व्यवस्था शुरू हो गई। इस दौरान 70 संदिग्धों की जांच हुई लेकिन एक भी पॉजिटिव नहीं मिला। ये बात महत्वपूर्ण है कि देश की सरकार मार्च के मध्य से हरकत में आई। सिक्किम में जो लोग हाल में विदेश से लौटे थे उनकी पहचान करके अलग-थलग (क्वारन्तीन) कर दिया गया। इसके अलावा 14 मार्च को प्रदेश के सभी होटल 2 दिन का अल्टीमेटम देकर खाली करा दिए गए। जबकि राज्य की पूरी अर्थव्यवस्था पर्यटन पर निर्भर है। कोई केस न आने के बाद भी लोग अलर्ट हैं। लोगों आपस मे दूरियां बरतने के निर्देश का पालन कर रहे हैं।
सिक्किम की तरह लक्षदीप में भी कोरोना का मामला नहीं आया। जबकि ये राज्य पूरी तरह से केरल से जुड़ा हुआ है। किराने का समान भी दस द्वीपो वाले इस केंद्र शासित प्रदेश के लोग केरल से लाते हैं। इस केंद्र शासित राज्य की बड़ी आबादी विदेशों में काम करती है। यहां 16 मार्च को केरल से 3500 लोग आए लेकिन सबको अलग-थलग रखा गया और किसी मे कोरोना नहीं मिला। हांलाकि लक्षदीप में किसी भी द्वीप में 20 से ज़्यादा रोगियों का इलाज नहीं हो सकता इसके मद्देनज़र सभी लोग सतर्क हैं और तालाबंदी का पालन कर रहे हैं।
इन दोनों राज्यो के अलावा नागालैंड ऐसा राज्य था जहां कोरोना का कोई मामला नहीं आया था लेकिन 13 अप्रैल को कोलकाता से दीमापुर आया व्यक्ति कोरोना साथ ले आया। यहां आते ही उसे अलग-थलग रखा गया। उसके कोरोना पॉजिटिव आने के बाद मारवाड़ी पट्टी और घोरापटटी को सील कर दिया गया। फिलहाल उसे गुवाहाटी के मेडिकल कॉलेज में रेफर किया गया है। लेकिन एक केस के बाद यहां कोई मामला सामने नहीं आया है। यहां प्रशासन और शासन की मुस्तैदी की वजह से कोरोना के मामले नहीं बढ़ रहे हैं।
गोवा की भौगोलिक और सामाजिक परिस्थियां भी कोरोना के अनुकूल है। गोवा देसी और विदेशी सैलानियों की सबसे पसंदीदा जगहों में से एक है, इसकी सीमाएं महाराष्ट्र से लगती है। इसके बाद भी गोवा ने कोरोना को रोकने में बड़ी कामयाबी हासिल किए की है। राज्य में कोरोना के सात मामले थे। लेकिन सातों 13 अप्रैल तक पूरी तरह ठीक हो चुके थे। 3 अप्रैल के बाद यहां कोई केस नहीं आया।
प्रधानमंत्री मोदी के तालाबंदी की घोषणा करने से पहले ही यहां यात्रियों की जांच और होम क्वॉरेंटाइन शुरू हो गया था। इसके बाद राज्य की सीमाएं सील कर दी गई। दूसरे राज्यों में लॉकडाउन में काफी रियायतें बरती जा रही हैं लेकिन गोवा में इसे सरकार ने बड़ी सख्ती से लागू किया गया है। यहां सोशल डिस्टेंसिंग का कड़ाई से पालन हो रहा है।
इसी तरह अगर मिज़ोरम की चर्चा करें तो ये राज्य भी अब कोरोना मुक्त है। यहां कोरोना का एकमात्र केस 24 मार्च को हॉलैंड से आये व्यक्ति के रूप में आया था लेकिन उसके ठीक होने के बाद से राज्य कोरोना मुक्त है। राज्य में बाहरी लोगों का प्रवेश काफी पहले से बंद है। तालाबंदी के नियमो का सामुदायिक सक्रियता की वजह से कड़ाई से पालन हो रहा है। यहां जनजाति क्षेत्र में बंद का कड़ाई से पालन करने की जिम्मेदारी जन संगठनों ने उठा रखी है। जन संगठन हरा पाकिस्तानी हर आपात खेती में स्थिति में सामुदायिक पुलिसिंग का काम करते हैं कोरोना संक्रमण काल में यह लोग राशन और साफ सफाई करने का काम कर रहे हैं। यहां राज्य प्रवेश द्वार पर आयातित सामानों की स्क्रीनिंग की जा रही है। राज्य को ज़ोन में बांटकर प्रशासनिक व्यवस्थाओं को चलाया जा रहा है।
मणिपुर में कोरोना के दो मामले थे लेकिन 20 अप्रैल तक ये पूरी तरह ठीक हो गया।अरुणाचल प्रदेश में भी कोरोना का एक मामला सामने आया था जो 18 अप्रैल को ठीक हो गया। इस तरह ये राज्य भी कोरोना मुक्त हो चुका है। दो कोरोना से सबसे ज़्यादा प्रभावित राज्यों के बीच स्थित केंद्र शासित प्रदेश दादरा एवं नगर हवेली में कोरोना का एक ही मामला सामने आया था जो ठीक हो चुका है।
इन राज्यों में कोरोना को लेकर राज्य सरकारों ने शुरू से व्यापक सतर्कता बरती। यहां के लोगों ने अनुशासन और जागरूकता दिखाई। इसकी वजह से भी सरकार का काम आसान हो गया। तालेबंदी के दौरान किसी को कोई दिक्कत ना हो, इसके भी मुकम्मल इंतजाम किये गए। यह वह तमाम कारण थे। जिनकी वजह से ये राज्य और केंद्र शासित प्रदेश कोरोना को रोकने में सफल रहे।