रायपुर- किसी भी सूरत में देश से बढ़कर कुछ नहीं हो सकता. देशहित सर्वोपरी होता है. ऐसी सूरत में जम्मू-कश्मीर में सरकार में बने रहना उचित नहीं था, जहां गठबंधन वाली पार्टी कानून-व्यवस्था को संभाल पाने में नाकाम हो. लिहाजा भाजपा ने पीडीपी से अपना समर्थन वापस लिया. ये कहना है केन्द्रीय राज्यमंत्री आरके सिंह का. राजधानी रायपुर में योग कार्यक्रम में शामिल होने आए केन्द्रीय राज्यमंत्री से जब पत्रकारों ने सवाल किया कि क्या 3 साल सरकार में बने रहने के बाद समर्थन वापस ले लेना उचित है, तो इस सवाल के जवाब में आरके सिंह ने देशहित में समर्थन वापस लेने का तर्क दिया.
आर के सिंह का कहना है कि जम्मू-कश्मीर के भीतर सुरक्षा को लेकर किसी तरह का कोई समझौता नहीं किया जा सकता है. पीडीपी सरकार के साथ रहते हुए हमने हालात बदलने की पूरी कोशिश की. लेकिन मुफ्ती सरकार कश्मीर में आतंकी घटना को नहीं रोक पाई. न ही वहां तनाव को दूर कर सकी. ऐसे में सहयोगी दल बनकर काम करते रहना अब कठिन हो गया था. लिहाजा समर्थन वापसी ही सबसे बेहतर विकल्प था. कश्मीर को लेकर जो निर्णय सरकार ने किया है, वह आवश्यक है. गठबंधन की सरकार से जो अपेक्षा थी, वह पूरी नहीं हो पाई. हालात तेजी से बदल रहे थे.
इंटेलीजेंस बेस्ड होगा आॅपरेशन
पूर्व गृह सचिव रहे केंद्रीय ऊर्जा राज्य मंत्री आर के सिंह ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में राज्यपाल शासन लगने से अब सेना को छूट मिल सकेगी. पहले से ज्यादा छूट सेना को दी जाएगी. इंटेलीजेंस बेस्ड आॅपरेशन तेज होंगे. पत्थरबाजी जैसी घटना को आर्गेनाइज करने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी. सिंह ने कहा कि घाटी में जो आपरेशन होते हैं, वह ज्वाइंट आपरेशन होते हैं, जिसमें सेना, पैरा मिलट्री फोर्स और राज्य पुलिस शामिल होती है. अब तक किन्हीं कारणों से आॅपरेशन खुल कर नहीं हो पा रहे थे, अब जब राष्ट्रपति शासन लागू हो चुका है, ऐसे में बड़ी कार्यवाही जो अब तक नहीं हो पा रही थी, उसे अब अंजाम दिया जाएगा.