रायपुर। नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कोरोना वायरस से निपटने राज्य सरकार द्वारा किये गए प्रयास को नाकामी बताया है. उन्होंने कहा कि जब प्रदेश में कोरोना के महज 3 मरीज ही रह गए थे, तब मुख्यमंत्री, स्वास्थ्य मंत्री वाहवाही लूटने लग गए थे कि कोरोना मुक्त राज्य बन रहा है. लेकिन पिछले तीन-चार दिनों में हर रोज संख्या तेजी से बढ़ी है. आने वाले दिनों के लिए यह खतरे की घंटी है. जिस तरह से बेतहाशा वृद्धि हो रही है, यदि समय पर उपाय नहीं किए गए, तो विकट स्थिति राज्य में बनने वाली है. हम सबको अंदेशा था कि मई के आखिरी हफ्ते और जून के महीने में कोरोना के मरीज बढ़ेंगे, इसके बावजूद सरकार ने कोई ठोस उपाय नहीं तलाशा.

 दिए ये महत्वपूर्ण सुझाव

-मजदूर घरों की ओर लौट रहे हैं. उनके साथ कोरोना भी आ रहा है. इन प्रवासी मजदूरों को लेकर मैंने सरकार से आग्रह किया था कि रैपिड किड के जरिए तत्काल जांच की जानी चाहिए. क्वारंटाइन सेंटर में जाने के पहले ही यदि ऐसे संक्रमण की जानकारी मिलती है, तो उनकी छंटनी होनी चाहिए. उन्हें अलग से रखकर जांच की जानी चाहिए.

– राज्य में अब तक आधे मजदूर भी नहीं लौटे हैं. सरकार ने 1 लाख 60 हजार मजदूरों के लौटने की बात कही थी, लेकिन अब संख्या 3 लाख के ऊपर बताई जा रही है. राज्य में न तो पर्याप्त किट की व्यवस्था है, न ही पर्याप्त लैब की व्यवस्था है, जहां जांच हो सके.

– रैंडम जांच कर क्वारंटाइन सेंटर में मजदूरों को भेजा जा रहा है. सेंटर में जाने के बाद भी हर किसी की जांच नहीं हो रही है. इसका ही परिणाम है कि पाॅजिटिव मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है. बिलासपुर में दो लोगों की मौत हुई है. क्वारंटाइन सेंटर से उन्हें बिलासपुर लाया गया था. जिनकी मौत हुई उनके पूरे सिमटम्स बताए गए थे, मुंगेली के क्वारंटाइन सेंटर में एक मौत हुई. सरकार बयान दे रही है कि कोरोना से एक भी मौत नहीं हुई.बिलासपुर मस्तूरी के मोहनलाल, सीतापुर क्वारंटाइन सेंटर में एक मौत हुई और एक पाली में मौत हुई है. क्या सरकार वास्तविक जानकारी छिपा रही है? जब डाक्टर्स कह रहे हैं कि जिनकी मौत हुई उनमें कोरोना के लक्षण थे, ऐसे में जानकारी छिपाया जाना उचित नहीं है.

– राज्य में आज स्वास्थ्यगत व्यवस्थाओं में बढ़ोतरी नहीं हो रही है, लेकिन कोरोना पाॅजिटिव केसेज में जरूर बढ़ोतरी हो रही है.

– राज्य में संभावित मरीजों की संख्या के विपरीत संसाधन नजर नहीं आते. सरकार यदि आज यह कहे कि उन्हें तैयारी के लिए वक्त नहीं मिला, तो यह ठीक नहीं है. सरकार के पास दो महीने का वक्त था. आज छत्तीसगढ़ के लोगों में भय का माहौल बन रहा है.

– क्वारंटाइन सेंटर की हालत ऐसी हो गई है कि लोग वहां जाना नहीं चाहते. लोग भाग रहे हैं. आलम यह है कि भागने वालों के खिलाफ एफआईआर की जा रही है.

– क्वारंटाइन सेंटर में यह कैसी व्यवस्था है कि कहीं सांप काटने से लोगों की मौत हो रही है, तो कहीं लोग भाग रहे हैं.

– पंचायतों के भरोसे क्वारंटाइन सेंटर को छोड़ दिया गया है, जबकि एक रूपए की राशि भी पंचायतों को मुहैया नहीं कराई गई है. ग्राम पंचायतों के विकास के लिए 14 वें वित्त आयोग की राशि से क्वारंटाइन सेंटर चलाया जा रहा है. स्वास्थ्य मंत्री से मैंने इस संबंध में बातचीत की थी. उन्होंने कहा कि यह मुख्यमंत्री का विषय़ है, यह वह तय करेंगे. आज की तारीख तक पंचायतों को एक रूपए की राशि भी उपलब्ध नहीं कराई गई है. सरकार सरपंचों को मदद नहीं करेगी, राशि नहीं देगी, तो व्यवस्थाएं कैसे बनाई जाएगी? सरकार पंचायतों पर जिम्मेदारी छोड़कर अपने दायित्व से बच रही है. हमारी मांग है कि सरकार तत्काल क्वारंटाइन सेंटर के लिए पंचायतों को राशि उपलब्ध कराए.

– अलग-अलग इलाकों में बनाए गए क्वारंटाइन सेंटर से लोगों के फोन आ रहे हैं कि अच्छी क्वालिटी का खाना तक नहीं दिया जा रहा है. दूसरे राज्यों में फंसे मजदूरों के खातों में भी राशि नहीं डाली गई है.

– शनिवार-रविवार को पूर्ण लाॅकडाउन के बावजूद पाॅजिटिव केसेज बढ़ रहे हैं. इसकी वजह है कि सोशल डिस्टेंसिंग की राज्य में धज्जियां उड़ाई जा रही है. केंद्र सरकार की गाइडलाइन का पालन नहीं किया जा रहा है. सब्जी बाजार हो या शराब दुकानें अनियंत्रित भीड़ को सरकार व्यवस्थित नहीं कर पा रही है.

– आम जनता से भी मैं आग्रह करता हूं कि सरकार के भरोसे मत रहिए. नियमों का पालन कीजिए. बेतहाशा वृद्धि को रोक पाने में सरकार सक्षम नहीं है.

– कोरोना के खिलाफ इस लड़ाई में हम साथ रहकर इसके नियंत्रण के लिए आगे आने के लिए तैयार है. बस जरूरत है कि हम अपने-अपने दायित्वों का निर्वहन करते चले.

– कोरोना संकट का समय है. यह वक्त है कि प्राइवेट हाॅस्पिटल को भी इसमें शामिल किया जाना चाहिए.

स्वास्थ्य मंत्री टी एस सिंहदेव के छह हजार मरीजों के हताहत होने के बयान पर धरमलाल कौशिक ने सवाल उठाया है. उन्होंने कहा कि बयान देने के बाद उन्होंने इसे वापस ले लिया. यह स्थिति वहीं ही स्पष्ट कर सकते हैं कि आखिर किन वजह से उन्होंने ऐसा किया. हमने पहले भी कहा था कि छत्तीसगढ़ में अभी कोरोना के मरीज बढ़ेंगे. जरूरत है कि सरकार इसे रोकने के लिए काम करें.

किसान न्याय योजना के तहत बीजेपी नेताओं को मिली राशि पर धरमलाल कौशिक ने कहा कि सरकार ने बीजेपी के नेताओं को नहीं किसान को दिया है. रमन सरकार के दौरान योजनाओं का लाभ किसानों को मिलता रहा. हमने कभी यह नहीं कहा कि यह किसान कांग्रेस नेता है. कांग्रेस की यह ओछी मानसिकता है. कांग्रेस सरकार जरा यह स्पष्ट कर दे कि योजना का लाभ किसान के नाते दिया गया या फिर बीजेपी नेता होने के नाते. उन्होंने कहा कि किसान न्याय योजना के नाम पर सरकार नौटंकी कर रही है.